फर्रुखनगर में अवैध पानी कनैक्शन और अवैध बोरवेल का गौरख धंधा. जिला गुरुग्राम गिरते भू जल स्तर को लेकर डार्क जोन भी घोषित फतह सिंह उजाला पटौदी। जनप्रतिनिधियों के सांनिघ्य में फर्रुखनगर कस्बा में अवैध पानी के कनैक्शन और अवैध बोरवेल का गौरख धंधा खूब फलफूल रहा है। जिसके चलते सम्बधित विभाग को राजस्व का नुक्सान तो हो ही रहा है। साथ में पेयजल का दोहन भी तेजी से किया जा रहा है। इतना ही नहीं अवैध कॅलोनियों में पेयजल से बागवानी, फसल सिंचाई का कार्य भी किया जा रहा है। अधिकारी या कर्मचारी अवैध कनैक्सनों पर कोई कार्रवाई अमल में लाते है तो अवैध कनैक्सनधारी फोन मिला कर जनप्रतिनिधि से बात करा देते है और मामला फिर ठंडे बस्ते में पड़ जाता है। जिसके चलते लोगों में वाटर सप्लाई की लाइन से बिना किसी पंजीकरण के ही रात्रि के अंधेरे में मिली भगत के चलते अवैध कनैक्सन लेने की होड़ सी लगी हुई है। हैरत की बात तो यह है कि जिला गुरुग्राम को गिरते भू जल स्तर को स्थिर करने के लिए डार्क जोन भी घोषित किया हुआ है। लेकिन जो अधिकारियों की लापरवही के चलते मात्र कागजों में ही डार्क जोन है। वास्तविकता यह है कि फर्रुखनगर, गुरुग्राम, पटौदी, हेलीमंडी आदि के साथ लगते ग्रामीण आंचल में काटी जा रही अवैध कॉलोनियों में ऐसा कोई प्लाट शेष होगा जिसमें अवैध रुप से बोरबैल ना किया गया हो। जांच के नाम पर अधिकारी खानापूर्ति करके इतिश्री कर देते है। अवैध कॉलोनियों में 5000 अवैध कनैक्सन विभागीय सुत्रों की माने तो फर्रुखनगर शहर व सरकार द्वारा स्वीकृत कॉलोनियों में जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग से करीब 4200 उपभोक्ताओं ने कनैक्सन लिए हुए है जो पीने के पानी के बील का भुगतान भी करते है। लेकिन कस्बा और अवैध कॉलोनियों में करीब 5000 अवैध कनैक्सन भी किए हुए है। जिसके चलते विभाग को राजस्व का नुक्सान उठाना पड़ रहा है। जबकि बादली वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से फर्रुखनगर शहर की कुल आबादी के हिसाब से 3 एमएलडी से अधिक की सप्लाई की जा रही है। अगर सम्बंधित विभाग द्वारा बादली डब्ल्यूटीपी पर पानी फ्लोमीटर लगा दिया तो पंजीकृत कनैक्सनधारियों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ सकता है। राजनीतिक दवाब के आगे हैं मजबूर विभाग के जेई रामसिंह का कहना है कि विभागीय अधिकारियों के आदेश पर समय समय पर पानी के अवैध कनैक्सनों को काटने की मुहिम शुरु जाती है, लेकिन राजनीतिक दवाब के आगे अभियान शांत हो जाता है। उन्होंने कस्बावासियों से अपील करते हुए कहा कि वह जिन लोगों ने पानी के अवैध कनैक्सन किए हुए है। वह उन कनैक्सनों की फाईल ,सम्पति आदि से सम्बंधित दस्तावेज लगा कर पंजीकरण करा ले। अन्यथा विभाग द्वारा अवैध कनैक्सनों को काटने का अभियान चलाना मजबूरी हो सकती है। क्योंकि फर्रुखनगर की कुल आबादी के अनुसार की बादली ट्रीटमेंट वाटर प्लांट से 3 एमएलडी पानी की सप्लाई कराई जा रही है। अगर वाटर फलोमीटर लग गया तो अधिकृत उपभोक्ताओं को भी पेयजल संकट का सामना करना पड़ सकता है Post navigation … बाबा झोपड़ी वाले आश्रम पर टिकी भूमाफियाओं की नजर ! स्टूडेंट भाई-बहन की मौत, आधा दर्जन छात्र हुए घायल