कृषि कानूनों के खिलाफ आन्दोलनकारी किसानों व समर्थन करने वालों को देशद्रोही कहने पर सरकार से गम्भीर स्वाल? चण्डीगढ, 15 दिसम्बर ! हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन सम्बन्धित सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष इन्द्र सिंह बधाना, प्रदेश महासचिव सरबत सिंह पूनिया, वरिष्ठ उप प्रधान नरेन्द्र दिनोद, उप महासचिव बलबीर जाखड़ व नवीन राणा, कार्यालय सचिव जयकुमार दहिया व प्रेस प्रवक्ता श्रवण कुमार जांगड़ा ने सयुंक्त ब्यान में बताया आल इंडिया रोड़ ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फैडरेशन के आह्वान पर रोड़वेज कर्मचारी किसानों के समर्थन में 17 दिसम्बर को टिकरी बाडर व सिन्धु बाडर पर प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा केंद्र व राज्य सरकार द्वारा कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आन्दोलन में शामिल किसानों व समर्थन कर रहे करोड़ों लोगों को देशद्रोही कहना जायज मांगों को लेकर चल रहे सफल व व्यापक एकजुट आन्दोलन में फूट डालकर आन्दोलन तोड़ने की गहरी साजिश है। उन्होंने आन्दोलनकारियों को देशद्रोही कहने वाली सरकार से गम्भीर सवाल करते हुए कहा देश भर के 206 किसान संगठनों द्वारा गठित अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति में शामिल किसान नेता क्या देशद्रोही है? देश के करोड़ों अन्नदाता जो खुद भूखे रह कर देश की जनता का पेट भरने के लिये अन्न पैदा करने वाले किसान अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आन्दोलन करते हैं, तो क्या ये अन्नदाता देशद्रोही है? देश की सेना में देश की रक्षा करने वाले रिटायर कर्मचारी व अधिकारी जो किसान आन्दोलन में शामिल है, क्या ये देशद्रोही है? देश के छात्र-छात्राओं व बेरोजगार नौजवानों द्वारा अपने समाज के भविष्य के लिए किसान आन्दोलन में शामिल होना क्या देशद्रोही है? देश के डाक्टर व बुद्धिजीवी वकील जो किसान आन्दोलन का समर्थन कर रहे हैं, क्या ये देशद्रोही हैं ? देश की लाखों महिलाएं किसान आन्दोलन में लंगर में सेवा के अलावा आन्दोलन में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं, क्या ये महिलाएं देशद्रोही हैं? देस के हजारों खिलाड़ी खेल में देश का नाम रोशन करने के बाद किसान आन्दोलन में शामिल हो कर सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ अपने जीते गये मेडल लोटा रहे हैं,क्या ये खिलाड़ी देशद्रोही हैं ? देश के मशहूर गायक आन्दोलन की कामयाबी में आन्दोलनकारियों का मनोरंजन कर किसान आन्दोलन का समर्थन कर रहे हैं, क्या ये देशद्रोही हैं? देश की 10 ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर देश की रीड की हड्डी करोड़ों मजदूर जो किसान आन्दोलन में शामिल है,क्या ये देशद्रोही है? देश व प्रदेश के कर्मचारी जो जनसेवा करते हुए किसान आन्दोलन का सहयोग व समर्थन कर रहे हैं, क्या ये कर्मचारी देशद्रोही हैं? देश के करोड़ों की संख्या में आम नागरिक जो किसान आन्दोलन का तन मन धन से सहयोग व समर्थन कर रहे हैं, क्या ये देशद्रोही हैं? देश के किसानों, मजदूरों, छात्रों, नौजवानों, महिलाओं व दुकानदारों के संगठन, समाजसेवी व बहुत सी एसोसिएशन, जन संगठन किसान आन्दोलन में शामिल होकर व्यापक एकजुटता का सबूत पेश कर रहे हैं, क्या ये देशद्रोही हैं? किसानों के आन्दोलन के समर्थन में आवाज बुलंद करने वाली राजनीतिक पार्टियां व नेता क्या देशद्रोही हैं? राजनीतिक पार्टियों के किसानों के आन्दोलन को समर्थन करने पर दुष्प्रचार करने वाले लोग समझ लें, जब देश की जनता अन्याय के खिलाफ व सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ सड़कों पर हो, उस समय विपक्षी राजनैतिक पार्टियों का चुप रहना क्या जनहित में सही है ? उन्होंने कहा सरकार आन्दोलन को तोड़ने व कुचलने के लिए ये सब दुष्प्रचार कर रही हैं। कर्मचारी नेताओं ने आन्दोलन की जीत के लिए, एकता को ओर ज्यादा मजबूत कर आन्दोलन में युद्धस्तर पर तन मन धन से सहयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की किसान संगठनों से बातचीत करके किसान व जनविरोधी तीनों काले कृषि कानूनों को रद्द किया जाए। MSP गारंटी कानून लागू करें।MSP पर फसलों की खरीद नहीं करने वालों को अपराध की श्रेणी में रखा जाए। खेती में खाद,बीज,दवाई, दिहाड़ी व जमीन का ठेका आदि लागत मूल्य जोड़ कर लाभकारी MSP तय किया जाए। स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू की जाए। बिजली बिल विधेयक मोटर व्हीकल एक्ट वापस लिया जाए। डीजल व पैट्रोल को GST में शामिल कर कीमतों में बढ़ौतरी वापस लेकर महंगाई कम की जाए।उन्होंने कहा प्रदर्शन में जम्मू-कश्मीर रोड़वेज, हिमाचल रोड़वेज, पंजाब रोड़वेज व राजस्थान रोड़वेज के कर्मचारी भी भाग लेंगे। Post navigation क्या किसान आंदोलन बना जन आंदोलन? चण्डीगढ डिपो में अधिकारियों का भारी टोटा। दोदवा