चंडीगढ़,14 दिसंबर। राष्टÑीय संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को कर्मचारियों व मजदूरों ने किसान आंदोलन के साथ एकजुटता प्रकट करते हुए आंदोलन के समर्थन में प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन किए। लंच टाइम में सभी जिलों में कर्मचारी व मजदूर एक जगह एकत्रित हुए और वहां से तीन कृषि कानूनों और केन्द्र सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए डीसी आफिस पर पहुंचे और वहां आयोजित किसानों के धरने प्रदर्शन में शामिल हुए। जैसे ही कर्मचारियों का काफिला धरनों पर पहुंच तो किसान, मजदूर व कर्मचारी एकता के गगनभेदी नारों के साथ किसानों ने स्वागत किया।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने सोमवार को किसानों के समर्थन और कृषि कानूनों व बिजली संशोधन बिल 2020 के खिलाफ आयोजित प्रर्दशनों की सफलता का दावा किया है। उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा भविष्य में धोषित आंदोलन का तन-मन-धन से सहयोग एवं समर्थन करने का संकल्प दोहराया। उन्होंने बताया कि सोमवार को आयोजित प्रर्दशनों में कृषि कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण चल रहे ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व  किसान आंदोलन को विपक्ष द्वारा संचालित, टूकड़े टूकड़े गैंग, खालिस्तानी, चीन व पाकिस्तान समर्थित आंदोलन बताकर बदनाम करने की घोर निन्दा की ओर केन्द्र व राज्य सरकार के ऐसे प्रयासों के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए जोरदार तरीके से विरोध किया।

धरने प्रदर्शन पर सर्व सम्मति से पारित किए गए प्रस्ताव में तीन कृषि कानूनों व बिजली संशोधन बिल 2020 को रद्द करने और किसानों की अन्य मांगों का बातचीत से समाधान करने, नया कानून बनाकर किसानों को सी-2 फार्मूले के अनुसार एमएसपी और फसल खरीद की गारंटी देने, किसानों का कर्जा माफ करने, आंदोलन में शहीद हुए किसानों को एक करोड़ रुपए मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को स्थाई नौकरी देने और किसानों पर दर्ज झुठे मुकदमों की वापस लेने की मांग की गई।

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