एमएलए जरावता बोले उनके हाथ लगे हैं कई महत्वपूर्ण दस्तावेज. एमएलए जरावता का आरोप कांग्रेस सांसद दीपेंद्र ने लिए करोड़ों. गांव की छिल्लऱकी में करोड़ो की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन

फतह सिंह उजाला

पटौदी । मानेसर लैंड स्कैम को लेकर बुरी तरह से धिरे हुए कांग्रेस के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के बाद अब मानेसर लैंड स्कैम को ही लेकर बड़ा धमाका पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के द्वारा किया गया है । भाजपा एमएलए एडवोकेट सत्यप्रकाश जरावता का दावा है कि मानेसर लैंड स्कैम को लेकर उनके हाथ कई दस्तावेज लगे हैं । जिन से यह साफ साबित होता है कि मानेसर लैंड स्कैम में आरोपी कंपनियों में से ही पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के पुत्र कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा के द्वारा भी करोड़ों रुपए लिए गए हैं । यह दावा उन्होंने शनिवार को गांव छिल्लरकी में करोड़ों रुपए की 1 दर्जन से अधिक विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करने के बाद कहीं ।

इससे पहले गांव छिल्लरकी में पहुंचने पर एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के द्वारा मिडिल स्कूल की चार दिवारी बनाने के काम का शुभारंभ किया गया । वही गांव छिल्लरकी में ही एक दर्जन अन्य विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी इसी मौके पर किया गया । संभवत यह पटौदी के राजनीतिक इतिहास में पहला मौका रहा है कि किसी भी सीएम, सांसद, केंद्रीय मंत्री अथवा एमएलए के द्वारा एक ही दिन में किसी एक गांव में अथवा शहर में 13 विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया गया ।

इस मौके पर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी श्रीमती प्रेमलता, शिक्षा विभाग की कनिष्ठ अभियंता पूनम पूनिया, स्कूल के मुख्य अध्यापक किरोड़ीमल, गांव के सरपंच मास्टर महेंद्र सिंह, अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी दलीप पहलवान छिल्लरकी, खंड शिक्षा अधिकारी डा. धर्मपाल, हेलीमंडी पालिका पार्षद अमित, विकास यादव, नैनू शर्मा , भाजपा के प्रदीप जैलदार , शमशेर छिल्लरकी,  अभय चैहान , परीक्षित, मनवीर ,  रवि चैहान सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे । यहां आगमन पर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी श्रीमती प्रेमलता और विभाग की कनिष्ठ अभियंता पूनम पुनिया का गांव की ही नीलम, परवीन और पूनम के द्वारा अभिनंदन किया गया । वही गांव के बुजुर्गों में रामनारायण ,नरेश ,रामचंदर, हरिराम व अन्य के द्वारा अतिथियों का पगड़ी बांधकर स्वागत किया गया ।

एमएसपी  की यह मांग तर्क संगत नहीं 

इस मौके पर पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्यप्रकाश जासवता ने किसान आंदोलन को लेकर कहा कि नए कृषि बिल के ऊपर किसान संगठनों को जो भी ऐतराज है , उस संदर्भ में केंद्र सरकार के द्वारा लगातार बातचीत का दौर जारी है । एमएसपी के मुद्दे पर एमएलए जरावता ने कहा कि किसानों की यह मांग तर्क संगत नहीं है , देश में विभिन्न वर्गों के और मेहनत मजदूरी करने वाले भी लोग रहते हैं जो कि अपनी हैसियत के मुताबिक पेट भरने के लिए खाद्यान्न खरीदते हैं । एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देश में करोड़ों की किसान है , लेकिन सबसे अधिक विरोध पंजाब के किसानों के द्वारा ही किया जा रहा है। जिस प्रकार से किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा सरकार और हरियाणा के किसानों ने सहयोग कर और सुविधाएं देकर बड़ा दिल दिखाया है । पंजाब सरकार और पंजाब के किसान भी उसी प्रकार से बड़ा दिल दिखाते हुए एसवाईएल के निर्माण में भी अपना सहयोग देकर हरियाणा की किसानों के हक हक का पानी उपलब्ध करवाएं ।

देश में विपक्ष नाम की कोई चीज ही नहीं  

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा लागू किए गए नए कृषि बिल से तत्काल किसानों को किसी भी प्रकार का नुकसान होता दिखाई नहीं दे रहा। आने वाले समय में यदि किसानों और खेती को किसी भी प्रकार का नुकसान होता है तो संविधान में प्रावधान है कि जो अब कानून लागू किया गया है उसमें संशोधन किया जा सकता है या फिर पूरी तरह से इसे बदला भी जा सकता है।  लेकिन किसान आंदोलन में विपक्षी दल अपनी राजनीति चमकाने का मौका तलाशते हुए जबरदस्ती किसान आंदोलन का हिस्सा बन रहे हैं, हकीकत यह है कि आज देश में विपक्ष नाम की कोई चीज ही नहीं बाकी रह गई है ।

विकास कार्य एक नियमित  प्रक्रिया  

इसी मौके पर  इसी मौके पर एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता ने कहा कि विकास कार्य एक नियमित रूप से चलने वाली प्रक्रिया है । चाहे प्रदेश का सीएम हो , केंद्र का मंत्री हो, सांसद हो, एमएलए हो या पूर्व के एमएलए हो । सभी अपने-अपने क्षेत्र का पूरी तरह से विकास करवा करवाते हैं और इस विकास कार्य में केंद्र सहित राज्य सरकार का पैसा ही लगता है। विकास कार्यों का व्यक्तिगत श्रेय लेना राजनीतिक नजर से उचित नहीं ठहराया जाना चाहिए । इसी मौके पर उन्होंने विशेष रूप से आह्वान किया कि आने वाले समय में ग्राम पंचायतों के चुनाव होने हैं और लोगों के द्वारा अपने वार्ड, गांव और क्षेत्र के विकास के लिए शिक्षित और पढ़े लिखे लोगों को ही जनप्रतिनिधि के रूप में चुना जाए । जिससे कि बिना किसी भेदभाव के बेहतर से बेहतर विकास की परियोजनाएं बनाकर उन्हें सरकार के साथ मिलकर जनहित में पूरा किया जा सके ।

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