नूंह, नगीना, आकेडा और पिनगवां पुलिस पहुंची थी किसानों को रोकने, नहीं थी महिला पुलिस 
हरियाणा पुलिस की बढ़ीं मुश्किलें
पुलिस अधिकारी ने कहा वे हमारी मां-बहनें है
विडियो में पुलिस कर्मियों व महिलाओं में हो रही धक्कामुक्की

भारत सारथी जुबैर खान नूंह

सोमवार को मेवात किसान संघर्ष समिति हरियाणा ने राज्य महिला आयोग में हरियाणा पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। आरोप है कि गत दिवस सैकड़ों की संख्या में महिला किसानों ने घागस से करहेड़ा होते हुए दिल्ली रवाना हुई थी। रास्ते में करहेड़ा गांव के पास पुलिस ने रोक लिया और धक्का-मुक्की की। महिलाओं का आरोप है कि पुलिसकर्मियों के साथ महिला पुलिस कर्मचारी नहीं थी तो उन्हें इस प्रकार रोकने का तरीका संवैधानिक था।

भारतीय संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने कानून में इसके लिए कोई जगह नहीं दी है यह गुनाह पुलिस ने किया है, उसे तत्काल माफी मांगनी चाहिए। जो वीडियो महिला किसानों की तरफ से जारी किए गए हैं उनमें पुलिस और किसानों के बीच काफी धक्का-मुक्की और हाथ पकड़ने जैसी घटनाएं दिखाई दे रही है। बतादें कि शनिवार दोपहर तक चले संघर्ष में महिला किसानों का पांच बार टकराव हुआ लाठियां छींनी गई थी। किसान नेता ऐमना, इस्लामी ने बताया कि पुलिस प्रशासन का यह खराब तरीका है कि महिलाओं को पुरुष पुलिसकर्मी रोके और उनके साथ धक्का-मुक्की करें। इसकी शिकायत केंद्रीय महिला आयोग, हरियाणा राज्य महिला आयोग में कर दी। उन्होंने कहा कि मुंह से बोलकर पुलिसकर्मियों को रोकना चाहिए था जब उनके पास महिला पुलिसकर्मी नहीं थे तो उन्होंने क्यों धक्का-मुक्की की? हम कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं।

किसान नेता  सबीला जंग ने बताया कि सैकड़ों महिला किसानों से हस्ताक्षर करा कर एक पत्र गृहमंत्री, सचिव गृह मंत्रालय भारत सरकार और गृह सचिव हरियाणा को भी भेजा गया है। यह महिला अधिकारों का हनन है। इस मामले में मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को भी पत्र भेजे जाएंगे। नगीना पुलिस थाना के एसएचओ रमेश चंद्र ने बताया कि हमने घेराबंदी की थी क्योंकि जब तक महिला पुलिस मौके पर नहीं पहुंची थी। सरकार के आदेश पर महिला किसानों को दिल्ली जाने से हरहाल में रोकना था। कोई धक्का-मुक्की हुई है तो उसकी जांच होगी और महिला किसानों को संतुष्ट किया जाएगा। वह हमारी मां-बहनें है। हम भी अपना कर्तव्य निभा रहे थे।

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