कृषि कानूनों में किसान हितों को किया नजरअंदाज
हाथों में बैनर लेकर किया लोगों को जागरूक 

भारत सारथी जुबैर खान नूंह
नगीना।  मेवात किसान केयर संघर्ष समिति हरियाणा द्वारा गांवों में बच्चों के जरिए किसान आंदोलन को मजबूत करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। खंड के गांव के कई गांवों में बच्चों ने किसानों और लोगों को जागरूक करते हुए टिकरी, गाजीपुर, सिंधु बॉर्डर और दिल्ली कूच करने का आह्वान किया।

नन्हे किसान लियान, सोहेल, सनाफराज ने बताया कि हम जन्मजात किसान हैं और हमें न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना ही चाहिए। इसे कानूनी अमलीजामा पहनाने का वक्त आ चुका है। बृहस्पतिवार को जैताका, अकललीमपुर, उलेटा, करहेड़ा, कंसाली,  मुलथान, शाहपुर, घागस आदि गांवों में अभियान चलाया गया। अभियान का उद्देश्य दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के लिए जन समर्थन जुटाना है। अभी भी केंद्र सरकार अपने रियल दवाई से बाज नहीं आ रही है।

किसान आंदोलन से जुड़ी महिला किसान नेता सबीला जंग ने बताया कि तीनों कृषि कानून किसानों के बगैर सलाह मशविरा के बनाएं गए हैं इन्हें दोबारा बनवाकर ही अब किसान दम लेंगे। उन्होंने बताया कि सिंधु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर हमारा जत्था गया और लौटकर आ चुका है। हमें मेवात में रहकर ही अपना आंदोलन मजबूत करना है जिसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस अभियान में हमारे साथ मेवात आरटीआई मंच, गालिब मौजी किसान फाउंडेशन, जागो चलो महिला संगठन और मेवात किसान केयर संघर्ष समिति हरियाणा पूरा सहयोग कर रही है। मेवात किसान केयर संघर्ष समिति हरियाणा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजूद्दीन ने बताया कि गांवों के किसानों को दिल्ली कूच करने के लिए सचेत किया जा रहा है। जिससे सरकार मजबूर हो और हमारे किसानों की बात मानी जा सकें।

दो कृषि कानून और एक कानूनी संशोधन से मुनाफाखोरी बढ़ेगी। किसानों को जायज दाम नहीं मिलेंगे। किसान नेता राजूद्दीन ने बताया कि किसान आंदोलन देश का आजादी के बाद किसानों का सबसे बड़ा आंदोलन है। केंद्र सरकार ने नए कानूनों में किसान हितों को नजरअंदाज किया है इसलिए सड़क से लेकर संसद तक किसान अपना रोष जता रहे हैं।

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