भिवानी/मुकेश वत्स

 बैंक कर्मियों की हठ धर्मिता का खामियाजा क्रेसर व्यापारी को भुगतना पड़ रहा है। एम.एस.स्टोन क्रेसर ग्रामोद्योग, डाडम की मालिक किरण शर्मा ने बताया  कि बैंक खाते को न तो रैगुलर कर रहा है न ही सेटेलमैंट कर रहा है और न ही डीआरटी कोर्ट में जवाब दे रहा है। उन्होंने बताया कि एम.एस.स्टोन क्रेसर डाडम ने देना बैंक(बैंक ऑफ बड़ौदा) से 5०लाख रूपये का ट्रम लोन व 4० लाख रूपये कैस क्रेडिट पास करवाया था, जिसमें से 44 लाख रूपया ट्रम लोन दिया व सीसी लिमिट का 3० लाख रूपये अप्रैल-मई 2०16 में दिया।

पूरा लोन व सीसी लिमिट का पूरा पैसा न देने का कारण बैंक आज तक नहीं बता पाया है और सीसी लिमिट की ड्राईंग पॉवर न बनाने के कारण बैंक अपनी गलती को छुपा रहा है और क्रेसर मालिक का खाता एनपीए कर दिया है जोकि किसी रूप में नहीं बनता है। उन्होंने बताया कि 31 मार्च 2017 तक ट्रम लोन में 8 लाख 14 हजार 650 रूपये व सीसी के खाते में 15 लाख 90 हजार 950 रूपये जमा करवा दिए थे। जबकि ट्रम लोन की किसत 31 मार्च 2017 तक चार लाख 86 हजार रूपये बनती है। ब्याज 4 लाख 14 हजार बनता है। ट्रम लोन व सीसी खाते में 31 मार्च 2017 तक 23 लाख रूपया जमा करवा चुके हैं।

उन्होंने बताया कि इतना रूपया जमा होने के बाद भी खाता एनपीए कर दिया गया, जोकि गलत है। खाता एनपीए होने के बाद भी उन्होंने 21 लाख रूपये दोनों खातों में फिर भी बैंक उनकी यूनिट को बेचना चहा रहा है, जोकि गलत है। उन्होंने सभी प्रयास किए लेकिन उसके बाद भी बैंक कर्मियों के कहने के बाद 3 बार किस्त व ब्यात का पूरा पैसा जमा करवा चुके हैं और बैंक को लिखित में एफिडिवेट दे चुके हैं कि हमारी तरफ न कोई ब्याज व न कोई किस्त बकाया है। उसके बावजुद भी ब्रांच प्रबंधक ने खाते को रैगुलर नहीं किया। वे पांच बार खाते को रैगुलर करने व स्टेलमैंट के लिए बैंक को लिख कर दे चुके हैं, जोकि बैंक बात तो कर लेता है लेकिन करता कुछ नहीं है।

error: Content is protected !!