पिछले चार दिनों से दिल्ली कूच करने की कोशिश कर रहे किसान अपने आंदोलन को लेकर अडिग हैं. किसानों के ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन के तहत हजारों की तादाद में किसान दिल्ली की कई सीमाओं पर जमे हुए हैं और दिल्ली में प्रवेश कर रामलीला ग्राउंड पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. नई दिल्ली: पिछले चार दिनों से दिल्ली कूच करने की कोशिश कर रहे किसान अपने आंदोलन को लेकर अडिग हैं. किसानों के ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन के तहत हजारों की तादाद में किसान दिल्ली की कई सीमाओं पर जमे हुए हैं और दिल्ली में प्रवेश कर रामलीला ग्राउंड पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, जहां उन्हें केंद्र की मोदी सरकार के किसान कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना है, लेकिन हरियाणा की सरकार और दिल्ली पुलिस की तरफ से उन्हें रोके जाने की खूब कोशिशें की जा रही हैं. किसानों ने गृहमंत्री अमित शाह की सशर्त बात करने की पेशकश भी ठुकरा दी है, जिसके बाद शाह ने बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ रविवार देर रात बैठक की है. किसानों ने रविवार को जता दिया कि वो इस बार बिना किसी शर्त के बातचीत से कम कुछ भी मानने को तैयार नहीं हैं. उनकी योजना बॉर्डर पर टिके रहने और दिल्ली पहुंचने की है. रविवार को उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह की सशर्त बात करने की पेशकश भी ठुकरा दी. किसानों ने रविवार को एक बैठक कर यह तय किया कि वो गृहमंत्री की शर्त नहीं मानेंगे और रामलीला ग्राउंड ही जाने की कोशिश करेंगे. दरअसल, अमित शाह ने शनिवार को किसानों के सामने बातचीत का प्रस्ताव रखते हुए शर्त रखी थी कि उन्हें बॉर्डर से हटकर बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड पर जाना होगा. किसान संगठनों ने इसपर विरोध जताते हुए कहा कि सरकार को यह भूल जाना चाहिए कि किसान उनकी शर्तें मानकर बातचीत करने को राजी होंगे. उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों से बिना किसी शर्त की बातचीत करनी चाहिए. किसानों की ओर से बातचीत के प्रस्ताव को ठुकराए जाने के बाद सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह ने रविवार देर रात एक बैठक की. जानकारी है कि इस बैठक में शाह के साथ कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद थे. जानकारी है कि दो घंटे तक चली इस बैठक में किसान आंदोलन को लेकर चर्चा हुई और सारे हालात की समीक्षा की गई. अभी तक की जानकारी में किसान संगठनों ने दिल्ली उत्तरी सिंघु बॉर्डर पर एक बैठक की है, यहां से हरियाणा, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश और पंजाब के लिए हाईवे का रास्ता गुजरता है. यहां बैठक में किसानों ने आगे के कदम पर चर्चा की. रविवार की शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसानों ने कहा कि वो आने वाले दिनों में दिल्ली में प्रवेश करने वाले सभी पांच प्रवेश बिंदु- सोनीपत, रोहतक, जयपुर, गाज़ियाबाद-हापुड़ और मथुरा- को बंद करेंगे. पिछले चार दिनों से दिल्ली कूच करने की कोशिश कर रहे किसान अपने आंदोलन को लेकर अडिग हैं. किसानों के ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन के तहत हजारों की तादाद में किसान दिल्ली की कई सीमाओं पर जमे हुए हैं और दिल्ली में प्रवेश कर रामलीला ग्राउंड पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, जहां उन्हें केंद्र की मोदी सरकार के किसान कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना है, लेकिन हरियाणा की सरकार और दिल्ली पुलिस की तरफ से उन्हें रोके जाने की खूब कोशिशें की जा रही हैं. Post navigation विंटेज मोटर वाहनों के पंजीकरण को कानूनी रूप देने की योजना किसान आंदोलन को ‘युवा हल्ला बोल’ का मिला समर्थन