महात्मा फुले के आदर्शों से ही सामाजिक उत्पीडऩ बंद होकर समाज में समानता आएगी

भिवानी/शशी कौशिक  

महात्मा ज्योतिबा फुले की 130वीं परिनिर्वाण दिवस पर उनको शहीद भगत सिंह स्मारक में मनाया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रबुद्ध नागरिक मियां सिंह व सुखदेव पालवास ने संयुक्त रूप से की। मंच का संचालन सुरेश सैनी ने किया।

इस अवसर पर बोलते हुए विभिन्न वक्ताओं ने वर्तमान जातिवादी व धार्मिक कट्टरता पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि जो ग्रंथ वेद महापुराण वर्ण व्यवस्था जायज ठहरा  हैं, वहीं जातिवादी उत्पीडऩ का आधार देते हैं बाबा साहब भीमराव अंबेडकर द्वारा रचित संविधान जो जाति वर्ण लिंग में धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करता उसे मजबूत करके राजनीतिक आजादी के बाद सामाजिक व आर्थिक बराबरी लानी होगी इसके लिए महात्मा ज्योतिबा फुले के आदर्श से उनकी प्रेरणा लेकर हमें रास्ता अपनाना चाहिए ज्योतिबा फुले व सावित्री बाई फुले पुणे के लिए शिक्षा की अलख जगाई थी उसे आगे बढ़ाना होगा व संविधान को खत्म करने वालों के विरुद्ध संघर्ष करना पड़ेगा देश के संसाधनों व उनके प्रबंधन बहुमत मेहनतकश को अपने हाथ से लेना होगा इन महापुरुषों के आदर्श को पूरा किया जा सकता है।

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