30 लाख रुपए की लागत से बनाया जा रहा है मित्र कक्ष.
पुलिस कर्मचारियों सहित आमजन के लिए बन रहा मित्र कक्ष.
संज्ञान नहीं लिया तो लोग धरना प्रर्दशन के लिए होंगे मजबूर
फतह सिंह उजाला
पटौदी। हरियाणा की प्रदेश भले ही भ्रष्टाचार मुक्त व पारदर्शिता की बात करती हो लेकिन जब बाढ़ ही खेत को खाने लगे तो फसल सुरक्षा की आस कैसे की जा सकती है ? ऐसा ही एक मामला थाना फर्रुखनगर में सामने आया है। थाना परिसर में पुलिस की नाक तले , पुलिस कर्मचारियों सहित आमजन के बैठने के लिए बनाये जा रहे मित्र कक्ष में घटिया सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है। घटिया निर्माण सामग्री की जांच के लिए क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने मोर्चा खोल दिया है। अगर शिघ्रता से मामले की जांच करके दोषियों के खिलाफ कोई संज्ञान नहीं लिया गया तो क्षेत्र के लोग धरना प्रर्दशन के लिए मजबूर हो सकते है।
नगर पार्षद मुरारी लाल सैनी, अधिवक्ता जितेंद्र सैनी, पूर्व पार्षद नीरू शर्मा, सरपंच इंद्रजीत शर्मा, सरपंच गोरधन माजरी, जल सिंह सरपंच बिरहेडा, विनोद सरपंच खुर्रमपुर आदि का कहना है कि सरकार हर कार्य में पारदर्शिता बरत रही है तो फिर थाना फर्रुखनगर में बनाये जा रहे मित्र कक्ष का अभी तक कोई निरीक्षण क्यों नहीं किया गया। पुलिस की नाक के नीचे ही मित्र कक्ष के निर्माण में पीली ईंटे, काला क्रेसर आदि घटिया सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है। ठेकेदारों के कर्मचारियों की माने तो यह मित्र कक्ष मात्र 100 वर्ग गज में एक सिंगल मंजिल का भवन 30 लाख रुपए में तैयार किया जा रहा है। जबकि 15 से 20 लाख में आलीसान मकान बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि थाना फर्रुखनगर के करीब चार पांच दशक पूर्व बनाये भवन के दौरान सही सामग्री का प्रयोग किया जाता तो आज थाना फर्रुखनगर की भवन व रिहायसी भवन जर्जर व खंडर हालत में ना होते। उन्होंने सरकार से मांग की है कि थाना परिसर में बनाये जा रहे मित्र कक्ष में बरती जा रही सामग्री की सैंपलिगं कराई जाये ताकि सही सामग्री से तैयार भवन लम्बे समय तक कायम रह सके।
बतां दे कि थाना फर्रुखनगर व उसके अंदर बने रिहायसी भवन लम्बे समय से जर्जर हालत में है। स्थानीय लोगों ने विधायक राकेश दौलताबाद व मुख्यमंत्री के नाम सीएम विंडों में दी शिकायत के उपरांत नया भवन बनाने की कार्रवाई चल रही है। लेकिन नया भवन तो बनना दूर थाना परिसर में बनाये जा रहे मित्र कक्ष में ठेकेदार के कर्मचारी पीली ईंट और अन्य घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग करके मित्र कक्ष की बुनियाद ही कमजोर करने में जुटे हुए है। ठेकेदारों से इस विषय में बात की गई तो उनका एक ही रटा रटाया जवाब मिलता है कि वह नियम अनुसार निर्माण कर रहे है। जबकि मौके के हालात कुछ ओर ही बयान कर रहे है। क्षेत्र के लोगों ने स्थानीय विधायक व पुलिस कमिश्नर से थाना फर्रुखनगर परिसर में बनाये जा रहे मित्र कक्ष का निरीक्षण करने की मांग की है। ताकि दूध का दूध व पानी का पानी हो सके।
भ्रष्टाचार मुक्त शासन, जीरो टाॅलरेंस सहित पारदर्शिता, इन्ही सभी मुद्दो और लक्ष्यों को लेकर सूबे की बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार काम कर रही है। इधर थाना फर्रुखनगर के जर्जर भवन को तोड़ कर पुनः बनाने के लिए विभागीय कार्रवाई जारी है। वहीं दूसरी ओर थाना परिसर में ही करीब 30 लाख रुपए की लागत से बनाये जा रहे मित्र कक्ष में नियमों को ताक पर रख कर सम्बंधित निर्माण कम्पनी पुलिस की नाक के नीचे ही एक ही परिसर में घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग करने में जुटी है। मित्र कक्ष की नींव में लगाई गई पीली ईंटे और अन्य सामग्री की गुणवत्ता ठीक नहीं है। जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है । जब निर्माण कम्पनी थाना परिसर में ही घटिया सामग्री का प्रयोग कर सकती है ? तो अन्य जगह पर कराये गए निर्माण में कितनी पारर्दिस्ता बरतती होगी। लोगों का यह भी कहना है मित्र कक्ष के लिए बनाये जा रहे भवन का विभागीय अधिकारियों द्वारा मौका मुआयना करके सैंपलिंग करनी चाहिए ताकि तैयार किए जा रहा भवन लम्बे समय तक चल सके। जिस भवन की नींव की कमजोर रख दी गई हो वह कितने समय चले यह सब राम भरोसे वाली बात है।