नारनौल, रामचंद्र सैनी

अगस्त माह में नारनौल की तत्कालीन एसपी सुलोचना गजराज व सामाजिक न्याय एवं अधिकारता मंत्री ओपी यादव के बीच हुए विवाद में एसपी की शिकायत पर मंत्री के खिलाफ दर्ज की गई एफआइआर की जांच शुरू हो गई है।  नारनौल की तत्कालीन एसपी सुलोचना गजराज को लेकर मंत्री ओपी यादव की एक कथित आडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। आडियो वाले व्यक्ति ने एसपी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। इस आडियो को लेकर एसपी सुलोचना गजराज ने 29 अगस्त को नामालूम व्यक्ति के खिलाफ भादंसं की धारा 153, 186, 500 व 504 के तहत मुकदमा नंबर 499 दर्ज करवाया था। हालांकि इस एफआईआर में मंत्री का नाम नहीं था लेकिन जिला भर में विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों व पार्टियों के नेताओं ने सीएम व राज्यपाल को भेजे ज्ञापन में कहा था कि एक एसपी द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि और वो भी मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाना गलत है। मामला पूरे प्रदेश की सुर्खियां बना था। पक्ष-विपक्ष के प्रदेश स्तरीय अनेक बड़ नेताओं ने इस मामले को लेकर अपने बयान भी जारी किए थे। इसके बाद प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज ने इस मामले की जांच स्टेट क्राइम को सौंपी थी।

यह सारा मामला नारनौल में एक के बाद एक व्यापारियों और फिर उसके बाद 28 अगस्त की रात को भाजपा नेता दयाराम यादव के घर पर उनके पुत्र पर फायरिंग के तूल पकड़ा था। फायरिंग के बाद कथित रूप से एक टीवी चैनल के पत्रकार ने मंत्री ओमप्रकाश यादव ने मोबाइल पर बातचीत की थी जिसमें उनके गृह क्षेत्र में आए दिन हो रही फायरिंग पर पत्रकार ने सवाल किए थे। उसके बाद पत्रकार व कथित रूप से मंत्री ओपी यादव के बीच हुई बातचीत का आडियो उसी रात सोशल मीडिया में वायरल हुई थी। आडियो वायरल के बाद ही मामला पेचिदा बन गया था।

यह था उस आडिया़े

 इट इज ए गुड एडमिनस्टे्रशन ऑफ बीजेपी, यहां की एसपी भ्रष्ट है। गुंडों से मिली हुई है और यह सारा काम ण्सपी करा रही है। एसपी एसपी एंड ओनली एसपी जिम्मेदार है। यह एसपी बकवास है, यह गुंडों से मिली हुई है और यह बकवास कराती है। और हम इसका इलाज करेंगे। मैं बड़े गुस्से में बोल रहा हूं। शब्दों का अर्थ अलग होता है बोलने के लहजे का अलग होता है। मैं बड़ा दुखी हूं, यह एसपी बड़ी नालायक है और बदमाशों से मिली हुई है, अपने कमीशन इकठ्ठा करने के अलावा कोई काम नहीं करती है उसमें भी बदमाशों को इकठ्ठा कर रखा है। आडियो में सामने वाले की आवाज पर नारनौल की तत्कालीन एसपी सुलोचना गजराज ने नारनौल शहर थाना में मुकदमा दर्ज करवाया था। अब इस मामले में गुडगांव स्थित स्टेट क्राइम के डीएसपी ने नारनौल के दो चैनलों के पत्रकार हरविंद्र यादव व गुलशन यादव को गत 23 नवंबर को नोटिस भेजकर आगामी एक दिसंबर 2020 को जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है।

error: Content is protected !!