-कमलेश भारतीय बरोदा उपचुनाव परिणाम और योगेश्वर दत्त की हार के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के बीच तकरार हो गयी है । आमने सामने नहीं वाया मीडिया । चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर बोले कि यदि भाजपा-जजपा प्रत्याशी को पूरे वोट मिलते तो हमारे प्रत्याशी के वोट 80000 होते । लेकिन यह भी सच है कि किसी के कहने पर पूरा वोट ट्रांस्फर नहीं होता । ऐसा ही जजपा के साथ हुआ । वोट पोलिराइजेशन से थोड़ा इधर उधर हो गया । एक आदमी के कहने पर पूरा वोट कभी ट्रांस्फर नहीं होता । पिछली बार योगेश्वर दत्त के 37000 वोट थे जो बढ़कर पचास हजार तक पहुंच गये । इसका मतलब कि दोनों पार्टियों के कार्यकर्त्ताओं ने मेहनत की है । यह भी माना कि यह कांग्रेस की सीट थी । यह गठबंधन की सीट नहीं थी । वैसे चौ भजनलाल ने वोट ट्रांस्फर कर दिखाये थे और अजय चौटाला भिवानी से सांसद चुने गये थे । यह भी एक कला और जादू है छो सबके बस का नहीं । यह गठबंधन की सीट नहीं थी ।।होती और हम हार जाते तो कह सकते थे कि जनता ने साथ नहीं दिया । यदि यह सब इतना स्पष्ट था फिर पूरा मंत्रिमंडल वहां क्या करता रहा ? सिर्फ हाजिरी लगाने या मुंह दिखाई करने जाते थे सब ? दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा इसे किसानों के लिए बनाये नये काले कानूनों को जिम्मेदार ठहरा रहे थे । दूसरे भाजपा-जजपा जब गठबंधन की एक साल की उपलब्धियां भी जिम्मेदार ठहराई जा सकती हैं । क्या कर पाए आप सभी वर्गों के लिए? किसान , कर्मचारी और मजदूर सबका कितना कल्याण किया ? ये बातें विचारणीय हैं । हां , बड़ी सफलता कांग्रेस को इसलिए भी मिली कि गुटबाजी ज्यादा असरदार नहीं हुई जिसका डर था जींद उपचुनाव की तरह । शुक्र है । दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार में जीत के जश्न में कांग्रेस को खूब कोसते रहे । यह भी कहा कि महिलाएं हमारी सायलेंट वोटर हैं । यह भी स्पष्ट कर दिया कि मुख्यमंत्री नीतीशे कुमार ही होंगे । यह सही और बुद्धिमत्ता पूर्ण फैसला है । आखिर लड़ाई तो नीतीश कुमार के नाम पर ही लड़ी गयी थी और साख उन्हीं की दांव पर लगी थी । आखिर अंत भला है भला कह कर भतीजे को सत्ता से दूर कर ही दिया । चिराग पासवान को भी समझ आई अपनी जगह । बिहार चुनाव के बाद बंगाल की बारी है । बंगाल की शेरनी और छप्पन इंच सीने के बीच टक्कर दिलचस्प होने वाली है । वहां तो महाभारत की द्रौपदी यानी रूपा गांगुली और गायक बाबुल सुप्रियो भी है और नुसरत जहां माॅडल एक्ट्रेस भी । अब उधर चलेंगे थोड़े दिनों के बाद । Post navigation सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री या बजाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध वेतन न मिलने पर टूरिज्म व अन्य कई विभागों के कर्मचारी काली दिवाली मनाने पर मजबूर