परिवहन मन्त्री से कल हुई बात चित में मुख्य मांगों बारे रहा टाल-मटोल का रवैया. 17 नवम्बर को रोहतक में राज्य स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में सरकार की हठधर्मिता की पोल खोलेंगे।
चण्डीगढ, 11 नवम्बर ! हरियाणा रोड़वेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के वरिष्ठ नेता दलबीर किरमारा, इन्द्र सिंह बधाना, ओमप्रकाश ग्रेवाल, सरबत सिंह पूनिया, नसीब जाखड़, पहल सिंह तंवर, दिनेश हुड्डा व आजाद सिंह गिल ने कहा सरकार रोड़वेज कर्मचारियों की मुख्य मांगों को लागू करने व निजीकरण पर रोक लगाने के लिए बिल्कुल भी गम्भीर नहीं है। उन्होंने परिवहन मंत्री के निजीकरण न करने के ब्यान पर तीखी प्रतिक्रिया करते हुए कहा जब भाजपा सरकार ने अपने 6 साल के शासनकाल में विभाग में एक भी नई बस शामिल नहीं की व किलोमीटर स्कीम व स्टेज कैरिज स्कीम के तहत प्राइवेट बसें चलाई जा रही है, ये निजीकरण नहीं तो क्या है ? कर्मचारी नेताओं ने कहा कल चण्डीगढ में परिवहन मंत्री व उच्च अधिकारियों से हुई बातचीत में विभाग में किलोमीटर स्कीम व स्टेज कैरिज स्कीम रद्द करने एवं बढती आबादी अनुसार नई बसें शामिल करने, कर्मचारियों को जोखिम भत्ता देने व परिचालकों का वेतनमान बढाने पर टाल-मटोल का रवैया रहा।
उन्होंने बताया लम्बित मांगों में से केवल कर्मचारियों की पदोन्नति की गई है, जिस बारे तालमेल कमेटी ने उच्च अधिकारियों का आभार व्यक्त किया हैं,परन्तु बाकी मांगों पर उदासीन रवैया अपनाया है। उन्होंने कहा विभाग में कोरोना महामारी से चार कर्मचारियों की मौत हो चुकी हैं, परन्तु रोड़वेज कर्मचारियों को एक्शग्रेसिया बीमा पॉलिसी में शामिल कर सरकार मृतक कर्मचारियों के परिवारों को 50 लाख रूपये मुआवजा देने के लिए तैयार नहीं है। कोरोना महामारी के दौरान बसें खड़ी रहने से विभाग को हुए 1000 करोड़ रुपये के घाटे की भरपाई के लिए सरकार द्वारा आर्थिक पैकेज देने की कोई योजना नहीं है। विभाग को घाटे से उभारने की बजाए गर्त में धकेल निजीकरण किया जा रहा है।
तालमेल कमेटी नेताओं ने कहा रोड़वेज कर्मचारियों की सभी मांगों को 6 जनवरी व 4 जून को परिवहन मंत्री के साथ हुई बातचीत में जायज बताकर एक माह में लागू करने का वायदा किया गया था, परन्तु 10 माह बीतने पर भी मांगों का समाधान क्यों नहीं? उन्होंने कहा परिवहन मंत्री द्वारा सहमत मांगों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया है, जिस कारण रोड़वेज कर्मचारियों में भारी रोष है। उन्होंने कहा उत्पीड़न की कार्यवाही रद्द करने, सभी रोड़वेज कर्मचारियों को 5000 रूपये जोखिम भत्ता देने, कर्मशाला सहित सभी श्रेणियों के खाली पड़े पदों पर पक्की भर्ती करने, परिचालक का वेतनमान बढाने, 2003 से पहले के भर्ती कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का करने, रोड़वेज कर्मचारियों को कोरोना योद्धा घोषित करके पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की भांति 50 लाख रूपये एक्शग्रेसिया बीमा पॉलिसी में शामिल करते हुए कोरोना से जींद, सिरसा व पलवल डिपो के मृतक कर्मचारियों के परिवारों को तुरन्त 50 लाख रूपये मुआवजा देने, कोरोना महामारी से बचाव के लिए पी पी ई किट सहित सभी सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करवाने, कर्मशाला कर्मचारियों की कम की गई छुट्टियाँ पहले की तरह लागू करने व तकनीकी वेतनमान देने, परिचालकों को ई टिक्टींग मशीन उपलब्ध करवाने, चालकों की हिमाचल, पंजाब व डी टी सी की तर्ज पर उप निरीक्षक के पद पर प्रमोशन करने, स्थाई नीति बनाकर एक माह के वेतन के समान चार वर्ष के बकाया बोनस का भुगतान शीघ्र करने, पुरानी पैंशन स्कीम बहाल करने, पंजाब के समान वेतनमान लागू करने, बंद किये गये डी ए व शिक्षा भत्ते का भुगतान करने व महंगाई अनुसार वर्दी व जूतों के रेट बढाने, किलो मीटर स्कीम व स्टेज कैरिज स्कीम रद्द करने, विभाग में निजीकरण, ठेका प्रथा व आउटसोर्सिंग पर रोक लगाने, बढ़ती आबादी अनुसार विभाग में 14 हजार सरकारी बसें शामिल करने, आवासीय कालोनी का निर्माण करवाने, वर्ष 2018 में 18 दिन हुई हड़ताल के दौरान कर्मचारियों पर एस्मा के तहत दर्ज मुकदमे व हड़ताल का समर्थन व सहयोग करने पर अन्य विभागों के कर्मचारियों व आम नागरिकों पर दर्ज मुकदमे रद्द करने आदि मांगों को लेकर हरियाणा रोड़वेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के आह्वान पर 17 नवम्बर को रोहतक में राज्य स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में विस्तार से चर्चा करते हुए सरकार की कर्मचारी व जन विरोधी नीतियों की विस्तार से चर्चा की जाएगी। कर्मचारी नेताओं ने कहा सरकार की मांगों के प्रति हठधर्मिता व निजीकरण नीतियों के खिलाफ 26 नवम्बर को चक्का जाम हड़ताल की जाएगी।