9 नवम्बर 2020 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा कि पानीपत व सोनीपत में जहरीली शराब पीने से अनेक लोगों की मौत की जांच के लिए हरियाणा के घोषणा वीर गृहमंत्री अनिल विज ने एसआईटी जांच की घोषणा करके 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है, पर लाख टके का सवाल यह है कि विज जहरीली शराब सप्लाई करने वाले असली सरगनाओं को बेनकाब करके क्या सजा दिलायेंगे? विद्रोही ने कहा कि विभिन्न अपराध घटनाओं पर विज की जांच घोषणाओं का विगत इतिहास तो यही बताता है कि इन घोषणाओं को कोई परिणाम आज तक तो नही निकला। विज की हालत यह है कि थोथा चना बाजे घणा। यदि भाजपा-जजपा सरकार कोविड संक्रमण व लोकडाऊन के दौरान सोनीपत से ही सामने आये अवैध शराब बिक्री घोटाले की ईमानदारी से जांच करके असली सरगनाओं को बेनकाब करके उन्हे सजा दिलावने की ईमानदाराना पहल करती तो पानीपत व सोनीपत में जहरीली शराब पीने से 45 से ज्यादा लोगों की मौत नही हुई होती।

विद्रोही ने कहा कि लोकडाऊन में हुए शराब घोटाले की जांच के लिए भी एसआईटी की घोषणा हुई थी, बड़े-बड़े दावे किये गए थे, पर जांच के नाम पर खोदा पहाड निकली चूहिया और वो भीे मरी हुईं फिर अनिल विज ने शराब घोटाले की विजिलैंस जांच घोषणा की, पर उस घोषणा और जांच क्या हुआ, कोई नही जानता। गृहमंत्री विज जुमलेबाजी करके दंतहीन, नखहीन बूढ़े बीमार शेर की तरह दहाडऩे की नौटंकी बहुत करते है, मीडिया में चेहरा चमकाने के लिए बड़े-बड़े दावे करते है, पर परिणाम कुछ नही निकलता। विज की घोषणाओं व दावों का यही हुआ हश्र होता कि पंचों की बात सर माथे, पर पतनाला वही पड़ेगा।

विद्रोही ने कहा कि अब सोनीपत-पानीपत में जहरीली शराब से हुई मौतों के लिए एसआईटी जांच के लम्बे-चौड़े दावे किये गए है, पर जमीन पर कुछ भी परिणाम निकलने वाला नही। विद्रोही ने आरोप लगाया कि जब हरियाणा में शराब माफिया को भाजपा-जजपा सरकार का खुला सरंक्षण मिलता हो व भाजपा सरकार के मंत्री-संतरी, सांसद, विधायक शराब व्यापारियों के हिस्सेदार हो तो शराब घोटाले व जहरीली शराब पर रोक लगेगी, दोषियों को सजा मिलेगी, यह आशा ही बेमानी है। विद्रोही ने कहा कि उनके खुद के जिले रेवाडी व साथ लगते महेन्द्रगढ़ जिले में राजस्थान से खुलेआम शराब की तस्करी पुलिस व राजनीतिक सरंक्षण में होती है जिसे हर कोई जानता है। फिर भी विगत छह सालों से भाजपा-खट्टर सरकार ने राजस्थान से तस्करी हो रही कच्ची शराब पर रोकथाम का कभी गंभीर प्रयास नही किया। जब हरियाणा में शराब घोटाला, कच्ची शराब कारोबारियों को संघीयों का संरक्षण मिल रहा है तो इनकी कैसी जांच होगी, इस पर कोई टिप्पणी भी बेमानी है।

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