गुरुग्राम लघु सचिवालय की दीवारों पर इसी प्रकार के लगै फ्लेक्स.
आम जनमानस में मास्क को लेकर बनी हुई है असमंजस की स्थिति.
विभिन्न विभागों के द्वारा बिना मास्क वसूला जा रहा धड़ाधड़ जुर्माना

फतह सिंह उजाला

पाटौदी /गुरुग्राम ।  एक तरफ तो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा सार्वजनिक रूप से यह बात कही गई है कि हर किसी को मास्क पहनने की आवश्यकता नहीं है । मास्क पहने या न पहने ? इस प्रकार के एक नहीं अनेक सरकारी फ्लेक्स इन दिनों जिला मुख्यालय गुरुग्राम के लघु सचिवालय , डीसी ऑफिस के आपास सहित अन्य स्थानों पर प्रमुखता से चस्पा कर लगाए हुए देखे जा सकते हैं । दूसरी तरफ विभिन्न विभागों के द्वारा धड़ाधड़ बिना मास्क पहने लोगों के चालान काट जुर्माना वसूली का अभियान भी युद्ध स्तर पर जारी है । हाल ही में गुरुग्राम पुलिस के द्वारा बताया गया कि 74000 से अधिक बिना मास्क वाले लोगों के चालान काटे जा चुके हैं । गौरतलब है बिना मास्क एक चालान के बदले में 500 का जुर्माना वसूल किया जा रहा है ।

अब लाख टके का सवाल यह है की जब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा यह सार्वजनिक रूप से घोषणा कर दी गई है कि हर किसी के लिए मास्क पहनने की आवश्यकता नहीं और मास्क पहने या ना पहने ? इसके आगे सवालिया निशान भी लगा है । इसका सीधा मतलब है की मास्क कहां पहनना है ,कब पहनना है,  किन हालात में पहनना है, इस विषय में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा गाइडलाइन जारी की जा चुकी है । लेकिन इसका दूसरा पहलू यह भी है कि इस सूचना अथवा गाइडलाइन के विषय में अभी तक कहां-कहां और कितना जागरूकता अभियान चलाया गया है ? जिससे कि आम लोगों को केंद्र सरकार के इस नए और मान की जानकारी मिल सके ।

इन सब बातों को देखें तो आम जनमानस में अभी भी असमंजस की स्थिति बनी है । वही मास्क का अब बचाव से अधिक चालान होने का खौफ साफ-साफ देखा जा सकता है । गुरुग्राम पुलिस तो मास्क नहीं पहनने वालों के चालान काट कर करोड़ों रुपए का जुर्माना भी वसूल कर चुकी है । ऐसा महसूस होता है की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के नोवल कोरोनावायरस कोविड-19 को लेकर नई जारी गाइडलाइन की भी अनदेखी करते हुए केवल और केवल बिना मास्क पहने लोगों के चालान काट जुर्माना वसूलने की होड़ जैसी मची हुई है । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा जारी नई गाइडलाइन वाले इन फ्लेक्स में साफ-साफ अंग्रेजी और हिंदी भाषा में अलग-अलग बताया गया है, कि मास्क केवल तभी पहने जब कोई भी व्यक्ति कोविड-19 के लक्षण से प्रभावित हो या चपेट में हो । जैसे कि खांसी , बुखार या सांस लेने में कठिनाई हो रही हो । यह भी बिल्कुल स्पष्ट लिखा गया है कोविड-19 पीड़ित व्यक्ति अथवा मरीज की देखभाल कर रहे हैं, तो आप मास्क पहने । इसी कड़ी में यह भी स्पष्ट लिखा गया है कि यदि आप स्वास्थ्य कार्यकर्ता है और कोविड-19 लक्षण से प्रभावित मरीज की देखभाल कर रहे हैं तो भी आपको मास्क पहनना अनिवार्य है । वही कुछ और हिदायतें भी लिखी गई हैं , जोकि बिल्कुल सामान्य हिदायतें हैं ।

अब सवाल यह है की आम आदमी को किस प्रकार से मालूम होगा की बिना  मास्क पहने हुए जिस स्थान पर और जिन हालात में चालान काट कर जुर्माना वसूला गया, क्या वह केंद्रीय सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा जारी नई गाइडलाइन की अवहेलना के दायरे में है या फिर वह इन गाइड लाइन की अवहेलना नहीं कर रहा है । दूसरी तरफ दिल्ली और दिल्ली के साथ लगते गुरुग्राम के अलावा जिला के देहात के इलाके में कोरोना कोविड-19 पॉजिटिव केस की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है । बहरहाल विभिन्न विभागों के द्वारा जहां एक तरफ आम जनमानस को अलग-अलग प्रचार माध्यमों के द्वारा कोविड-19 से बचने के लिए मास्क पहनना सुनिश्चित किया जाने के लिए अभियान जारी है । वही जिला मुख्यालय पर लघु सचिवालय की दीवारें भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के चस्पा किए गए फ्लेक्स , इस बात की आम आदमी को भी छूट प्रदान करते दिखाई दे रहे हैं की व्यक्ति के लिए मास्क पहनने की आवश्यकता नहीं है । मास्क केवल विभिन्न परिस्थितियों के साथ-साथ विशेष हालात में ही पहनना आवश्यक है । जिससे कि कोई भी व्यक्ति कोरोना कोविड-19 पीड़ित अथवा संक्रमित के संपर्क में आकर स्वयं ही कोविड-19 पॉजिटिव ना हो जाए। 

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