किसानों को 72 घंटे में भुगतान के दावे का निकला दम. फर्रुखनगर अनाजमंडी का है यह हाल और सवाल फतह सिंह उजाला पटौदी। सरकार के वायदों के बावजूद फर्रुखनगर अनाज मंडी में बाजरे की फसल की खरीद के एक माह बीत जाने के बाद भी करीब 500 किसानों के खाते में अभी तक एक रुपए भी नहीं डाला गया है। जबकि पोर्टल पर भगुतान हुआ दर्शाया जा रहा है। किसान दुविधा में पडे हुए है कि आखरि अपनी खून पसीने से तैयार फसल की कीमत को पाने के लिए किस से गुहार लगाए। दर दर की ठोकरे खाते किसानों में सरकार के प्रति गहरा रोष व्याप्त है। धर्मेद्र यादव ढ़ाणी रामजी लाल , श्री भगवान, ओम प्रकाश , मानसिंह, सतबीर सिंह, विजय पाल, मूलचंद, हुकमचंद, राजेंद्र, जितेंद्र, विकास आदि किसानों का कहना है कि भाई एक तो छह माह से कोरोना माहमारी ने उनकी कमर तोड कर रख दी उपर से सरकार बाजरे की खरीद का एक माह बाद भी भुगतान नहीं कर रही है। अगर ऐसे ही हालात रहे तो क्षेत्र के किसानों की फसल भुगतान के बिना काली दीपावली मनेगी। उन्होंने बताया कि कहने को तो सरकार के आदेश है कि अनाज मंडी में फसल की बिक्री के 48 घंटे बाद किसानों के खाते में राशि का भुगतान किया जाएगा। लेकिन फर्रुखनगर अनाज मंडी में इसके विपरित एक माह से किसानों की बाजरे की फसल बेचे हो गए। लेकिन उनके बैंक खातों में एक रुपए भी सरकार द्वारा नहीं डाला गया है। उन्होंने बताया कि अनाज मंडी फर्रुखनगर में सरकारी खरीद एजेंसी हरियाणा वेयर हाउसिंग कारोपोरेशन द्वारा बाजरे की खरीद की जा रही है। भुगतान नहीं तो प्रर्दशन को मजबूर 3 से 10 अक्टूबर 2020 के बीच में एजेंसी द्वारा जिन किसानों के बाजरे की फसल की खरीद की गई है उनका अभी तक भगुतान नहीं हुआ है। किसान दर दर भटकने पर मजबूर है। एजेंसी के अधिकारी उन्हे ठीक से जवाब भी नहीं दे पर रहे है। गोलमोल जवाब देकर अपना पल्ला झाड लेते है। उन्होंने बताया कि खरीद एजेंशी के अधिकारी 17 अक्टूबर तक की खरीद के भुगतान का दावा कर रही है। लेकिन उससे पहले की गई खरीद में आखिर क्यों देरी हो रही है। किसानों का कहना है कि अगर समय रहते उनकी फसल का भुगतान नहीं किया गया तो वह प्रर्दशन के लिए मजबूर हो सकते है। भुगतान सम्बधीत कोई सूचना नहीं खरीद एजेंसी की प्रबंधक सुमन सिंह का कहना है कि फर्रुखनगर अनाज मंडी में 3 अक्टूबर से बाजरे की खरीद शुरु हुई थी। एजेंसी ने अभी तक करीब एक लाख दो सौ सत्ताईस क्विंटल बाजरे की खरीद का कार्य किया है। 17 अक्टूबर तक भुगतान होने की सूचना है। 3 से 10 अक्टूबर के बीच की गई खरीद का भगुतान नहीं होने के कारण हर रोज 50-60 किसान उनके कार्यालय में आते है। लेकिन उनके पास फसल की भुगतान सम्बधीत कोई सूचना या एक्सेस नहीं है जिससे भुगतान सम्बंधी जानकारी दे सके। खरीद पोर्टल पंचकुला से ऑन लाइन किसानों के बैंक खातों में बाजरे की फसल का भुगतान किया जा रहा है। अनाज मंडी फर्रुखनगर में खरीदे गए बाजरे को गौदामों में लगाया जा रहा है। अभी तक एक लाख तीस हजार कट्टों को गौदामों में सेट किया जा चुका है। ताकि मंडी में फसल उतारने के लिए किसानों को समस्या का सामना ना करना पडे। Post navigation आधा दर्जन अवैध कब्जों पर चली जेसीबी पटौदी लघु सचिवालय का हाल …नहीं देखा ऐसा भ्रष्टाचार… जिसमें पूरा है शिष्टाचार !