नकली मावा सप्लाई करने वाले एजैंट सक्रीय
त्योहारों के मौसम में डॉक्टरों का मिलावटी मिठाइयों से परहेज की सलाह

पंचकूला, 01 नवम्बर। त्यौहारो के नजदीक आते ही शहर में नकली मिठाईयों की मंडी तैयार हो गई है। वही त्योहारी सीजन को लेकर पूरे प्रदेश में नकली मिठाइयो की दुकाने भी सज गई है। मिठाई की दूकानों पर नकली मावा सप्लाई करने वाले एजैंट भी सक्रीय हो गए है। पंचकूला के बरवाला में पिछले दिनो कई क्विंटल मावा बरामद किया था। यह मावा राजस्थान व यूपी से बसों के मार्फत सप्लाई होता है। उसके बाद बस स्टैंड से वाहनो के मार्फत मिठाई की दूकानों तक सप्लाई होता है। जिस भी दुकानदार को जितना भी मावा की जरूरत होती है एजैंट दूकान से ही आर्डर ले जाते है। हर साल हजारो क्विवटन नकली मावा पकड़ा जाता है। फैस्टीवल सीजन में मिलावट खोरों का धंधा पूरे जोरो पर चल पड़ा है। मिठाइयों के बनाने के लिए दूध खोया तेल व घी आदि का अत्यधिक उपयोग होता है। आए दिन देखने में आ रहा है कि इन सभी सामग्री में अत्यधिक मात्रा में मिलावट हो रही है।

फेस्टीवल सीजन जिसमें दिवाली खासकर है। दूध और दूध की बनी हुई मिठाइयों में इस त्योहार के मौसम में बड़े स्तर पर मिलावट कर सिंथेटिक मिठाइयां तैयार होती हैं और हाथों हाथ बिक जाती है। जो लोगों के शरीर में प्रवेश कर कई प्रकार के भयंकर बीमारियों को जन्म देती है। इस मानवता के प्रति क्रूरता भरे दुष्कर्म को माफ नही करना चाहिए। इस प्रकार की मिलावट एक प्रकार से समाज में अनेक लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ है। फैस्टीवल सीजन में दूध और दूध की बनी हुई मिठाइयों से दूर रहें। इन त्योहारों के चलते मिठाइयों की डिमांड इतनी होती है कि कोई भी हलवाई इनको दुध से नही बना सकता क्योंकि दूध की सप्लाई सीमित रहती है। इसलिए यह मिठाइयां सिंथेटिक रूप से मिलावट द्वारा बनाई जाती हैं और हम सब इनका शिकार हो जाते है।
इन समस्याओं को गंभीरता को मुख्य रखते हुए कंज्यूमर्स एसोसिएशन पंचकूला ने वर्चुअल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके बैठक बुलाई। जिसमें इस विषय पर गंभीरता से चर्चा की गई।

एसोसिएशन के प्रधान एनसी राणा व महासचिव वीके शर्मा ने बताया कि डॉक्टरों का कहना है कि मिलावटी खाद्य पदार्थ खाने से अनेक प्रकार के भयानक रोग हो सकते हैं और कई बार इनसे मृत्यु होना भी संभव होता है। घी में मिलाई गई चर्बी दिल से संबंधित बीमारियों को जन्म देती है। उन्होंने बताया की मिठाइयों और खोए के 67 प्रतिशत नमूने फेल हो जाते है। विभाग आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई भी करता है लेकिन उसके बाद भी मिलावट खोरी का धंधा बंद नही होरहा है। मिठाइयों की दुकानों पर छापे मारी कर मिठाईयां नष्ट कराई जाती है। लेकिन दुकानदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। मिलावटी खोया मिठाई खाने से पेट की बीमारियां होती है आंखों पर और हृदय पर भी असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि त्योहारों पर मिलावट खोर चंद मुनाफे के लिए पब्लिक के स्वास्थ्य से सौदेबाजी करते है।

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