भ्रष्टाचार से सम्बंधित 3 मामलों में राज्य चौकसी ब्यूरो, हरियाणा द्वारा राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी गई थी, जिनमें लाखों रुपये की वसूली व दोषी पाए गए सम्बंधित सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाई का सुझाव दिया गया था। इस ब्यूरो के सुझाव से सहमत होते हुए सरकार द्वारा सम्बंधित विभागों को कार्यवाई करने के आदेश दे दिए गए हैं।

पहला मामला नगर परिषद, रेवाडी की कुल 10150 वर्ग गज भूमि पर अवैध कब्जा व निर्माण से सम्बंधित था, जिसमें 2 कार्यकारी अधिकारियों, 2 निगम अभियन्ताओं तथा 4 कनिष्ठ अभियन्ताओं की लापरवाही पाए जाने पर उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाई सहित अवैध कब्जा व निर्माण को हटवाने के निर्देश दे दिए गए हैं।

दूसरा मामला, जोकि चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जीन्द के भवन निर्माण में ठेकेदार द्वारा घटिया सामग्री इस्तेमाल करने से सम्बंधित था, में मैसर्ज प्रभू दयाल बिल्डर (इण्डिया) प्राईवेट लिमिटेड, दिल्ली से 3,21650 रु0 की वसूली व सम्बंधित सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाई करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।

तीसरा मामला जिला करनाल में वृद्धावस्था सम्मान भत्ता के पात्रों के चयन में अनियमितता से सम्बंधित था। सरकार के संज्ञान में आया था कि वर्ष 2012 से 2014 तक जिला करनाल में गलत पात्रों को पैंशन स्वीकृत कर दी गई है। राज्य चौकसी ब्यूरो की जांच से पाया गया कि कुल 29029 मामलों में गलत पात्रों को पैंशन स्वीकृत की गई थी जिस सम्बंध में थाना सिविल लाईन करनाल में पहले से ही 3 अभियोग अंकित किए जा चुके हैं और इन लाभपात्रों से वसूली की प्रक्रिया शुरु की जा चुकी है। 69 मामले ऐसे पाए गए थे जिनमें पैंशनधारकों/लाभपात्रों से वसूली की जानी बकाया थी, जिस सम्बंध में अब सरकार द्वारा वसूली करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

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