इससे केंद्र व प्रदेश सरकार को सबक लेना चाहिए-बजरंग गर्गसरकार जब फसल एमएसपी पर आढ़ती के माध्यम से खरीद करने की बात कह रही है तो चौथा नया अध्यादेश लाकर सरकार को गारंटी कानून बनाने में क्या दिक्कत है-बजरंग गर्गसरकार को सब्जी, खाद्य सामग्री के साथ साथ महंगाई पर पूरी तरह अंकुश लगाना चाहिए -बजरंग गर्ग चंडीगढ़ – अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव व हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने किसान व आढ़तियों से बातचीत करने के उपरांत कहा कि देश व प्रदेश में जगह-जगह तीन कृषि संबंधित कानून के विरोध में किसानों ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व हरियाणा के मुख्यमंत्री व उनकी टीम के जिस तरह दशहरे पर रावण की जगह उनके पुतले जलाकर जो भारी विरोध किया है। देश में पहली बार ऐसा हुआ है,की दशहरे पर रावण की जगह प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री का पुतला जलाया गया हो।इससे केंद्र व प्रदेश सरकार तो सबक लेना चाहिए कि देश व प्रदेश के किसान, आढ़ती व मजदूरों में तीन कृषि कानून के खिलाफ कितना भारी रोष है जब तक देश का किसान, आढ़ती कृषि कानून को लागू करना नहीं चाहता तो केंद्र व प्रदेश सरकार इसे जबरन लागू क्यों करना चाहती है। राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार कृषि कानून को सिर्फ अंबानी व अडानी जैसे बड़े घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए लागू करना चाहती है जो बड़ी-बड़ी कंपनियां एडवांस में ही खेतों में किसान की फसल सस्ते दामों में खरीदकर मोटा मुनाफा कमा कर खुले बाजार में बेचेंगे। इससे किसान व आढ़ती बर्बाद हो जाएगा। जब किसान की फसल मंडी में खुले भाव में नहीं बिकेगी तो किसान को फसल के उचित दाम नहीं मिलेंगे और आढ़ती का कमीशन खत्म हो जाएगा। जब देश का किसान, आढ़ती व मजदूर बर्बाद होगा तो देश की अर्थव्यवस्था पहले से ओर ज्यादा खराब होगी। देश अंबानी व अडानी जैसे लोग के अधीन हो जाएगा। आज सरकारी बड़ी-बड़ी कंपनियां अडानी व अंबानी जैसे लोगों ने खरीद कर सब्जी, फल व खाद्य सामग्री व देश में व्यापार पर अपना मजबूती से कब्जा कर लिया है। राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा कि सब्जी और फल का बड़े बड़े घराने भारी भरकम स्टोक करके करोड़ों रुपए कमा रहे हैं और आज गरीब आदमी इस महंगाई में दाल व सब्जी के साथ रोटी तक नहीं खा सकता। राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार को सब्जी, खाद्य सामग्री व हर समान पर महंगाई पर अंकुश लगाना चाहिए वह केंद्र सरकार का तीन कृषि संबंधित कानून पर पूर्ण विचार करके। इसे किसान, आढ़ती, मजदूर व आम जनता के हित में वापस लेना चाहिए या इस कानून में संशोधन करके किसान की फसल मंडी के आढ़ती के माध्यम से एमएसपी रेटों में बिकने का गारंटी कानून बनाना चाहिए। जबकि सरकार बार-बार कह रही है की फसल एमएसपी रेटों में खरीदेंगे और मंडी के आढ़तियों के माध्यम से ही खरीद जारी रहेगी, तो सरकार को गारंटी कानून बनाने में क्या दिक्कत है या तो सरकार की नियत में खोट है। सरकार ने जिस प्रकार 15 लाख हर व्यक्ति के खाते में डालने की बात कही व 20 लाख करोड रुपए करोना के समय जनता की सहायता में लगाने की बात कही, बेरोजगारों को रोजगार देने की बात करके धोखा किया। इसी प्रकार सरकार किसान, आढ़ती व मजदूरों के भी साथ धोखा करना चाहती है जो उचित नहीं है। Post navigation सुरक्षित होता सफरः हरियाणा में इस साल सड़क हादसों में 20 प्रतिशत की कमी पुलिस वन एवं रोजगार विभाग के अधिकारियों की परिवहन विभाग में नियुक्ति पर ऐतराज