बरोदा उपचुनाव में प्रचार के लिए सियासी दिग्गज उतरे मैदान में उपचुनाव सत्ताधारी दल भाजपा व जननायक जनता पार्टी के नेताओं की प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है। वहीं भाजपा को अपने गढ़ में सेंध लगाने से रोकने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री व नेता विपक्ष अपने पुत्र राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा को लेकर प्रचार में जुटे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और उनके पुत्र विधायक अभय सिंह चौटाला इन दिनों बड़ौदा में चुनाव प्रचार की मुहिम में लगे हुए हैं। चंडीगढ़ – हरियाणा में बरोदा सीट का उपचुनाव सत्ताधारी दल भाजपा व जननायक जनता पार्टी के नेताओं की प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है। दोनों पार्टियों की ओर से अपने सभी सियासी दिग्गजों को चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतारा गया है। खुद मुख्यमंत्री व उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों के अलावा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष यहां ताल ठोक रहे हैं। दूसरी और नेता विपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की साख भी इस क्षेत्र में दांव पर लगी हुई है भाजपा को अपने गढ़ में सेंध लगाने से रोकने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा व नेता विपक्ष अपने पुत्र राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा को लेकर प्रचार में जुटे हैं। कांग्रेस के बाकी सियासी दिग्गज भी यहां पर चुनावी मुहिम में मतदाताओं से वोट की अपील कर रहे हैं। इनेलो के सुप्रीमो पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला भी विधायक बेटे अभय सिंह चौटाला के साथ अपने प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए गांव में वोट की अपील कर चुके हैं। कुल मिलाकर बरोदा उपचुनाव जैसे जैसे समय नजदीक आ रहा है, वैसे वैसे रौचक बनता जा रहा है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ मंत्रिमंडल के बाकी मंत्री कमलेश ढंआडा, संदीप सिंह, जेपी दलाल, पूर्व मंत्री प्रोफेसर रामविलास शर्मा, पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु समेत तमाम दिग्गज चेहरे यहां बरौदा क्षेत्र की जनता को भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार योगेश्वर दत्त के लिए वोट की अपील कर रहे हैं। ओलंपियन योगेश्वर दत्त दूसरा ऐसा मौका है, जब इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के कमल का फूल थाम कर चुनाव मैदान में उतरे हैं। वैसे तो बरोदा विधानसभा सीट कभी भी भारतीय जनता पार्टी की झोली में नहीं आई लेकिन जींद में डॉक्टर हरिचंद मिड्ढा की मृत्यु के बाद हुए उपचुनाव मे उनके पुत्र ने भाजपा का दामन थाम कर चुनाव लड़ा था। जींद सीट से स्वर्गीय हरिचंद मिड्ढा के पुत्र डॉक्टर कृष्ण मिड्डा इस समय भाजपा के विधायक हैं। डॉक्टर कृष्ण ने कांग्रेस के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता, राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला को पटखनी दी थी। सत्ताधारी भाजपा को उम्मीद है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा पूर्व सीएम के इलाके में वे इस बार कमल का फूल खिलाने में कामयाब रहेंगे। इतना ही नहीं यहां पर केंद्रीय मंत्री रतनलाल कटारिया कृष्ण पाल गुर्जर के अलावा सांसद अरविंद शर्मा, सुनीता दुग्गल पूर्व सांसद व वर्तमान सांसद सभी चुनाव प्रचार की मुहिम में जुटे हुए हैं। नेता विपक्ष हुड्डा और बेटे की प्रतिष्ठा भी दांव पर बरोदा की सीट विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा की अचानक मृत्यु के बाद खाली हो हुई थी। जिसके बाद मे यहां पर उपचुनाव होना तय था और स्वर्गीय हुड्डा ने पहलवान ओलंपियन योगेश्वर दत्त को चुनाव हराया था। इस बार नेता विपक्ष में पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा व उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा अपनी पसंद के उम्मीदवार को टिकट दिलाने में कामयाब रहे हैं। उक्त उम्मीदवार इंदू नरवाल के नाम की पैरोकारी ही कर रहे, भूपेंद्र हुड्डा अब इस चुनाव में इसे बरोदा की जनता में अपनी साख का प्रश्न बना कर वोट की अपील कर रहे हैं। खास बात यह है कि यहां से हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी सैलजा श्रीकृष्ण हुड्डा के बेटे अथवा परिवार से टिकट दिलाने की पक्षधर थी। कुल मिलाकर कांग्रेस के वर्तमान और पूर्व विधायक पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सभी इस समय किसान कृषि बिलों का जिक्र उपचुनाव में करना नहीं भूलते। इन नेताओं को उम्मीद है कि एनडीए की सरकार पर कृषि बिलों को लेकर हमला चुनाव में वैतरणी पार करा देगा। इनेलो सुप्रीमो को उम्मीद बदलेगा परिदृश्य तिहाड़ जेल से पैरोल पर बाहर चल रहे पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और उनके पुत्र विधायक अभय सिंह चौटाला इन दिनों बड़ौदा में चुनाव प्रचार की मुहिम में लगे हुए हैं। खास बात यह है कि उनकी पार्टी की ओर से जोगिंदर सिंह मलिक को चुनाव मैदान में उतारा गया है। इनेलो के नेता दावा कर रहे हैं कि बरोदा उपचुनाव भाजपा व जजपा के लिए निर्णायक चुनाव होगा। पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला यहां तक दावा कर रहे हैं कि बरोदा उपचुनाव में गठबंधन की करारी हार होगी। जिसके बाद में प्रदेश में मध्यावधि चुनाव होंगे और सरकार का गिरना तय है। लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ओम प्रकाश चौटाला को इसका जवाब दे चुके हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि चौटाला अगर इतने बड़े भविष्यवक्ता होते तो आज उनका और उनकी पार्टी का यह हाल नहीं होता। कुल मिलाकर बरोदा उपचुनाव में किसकी जीत होगी और किस को पराजय हाथ लगेगी यह भविष्य के गर्भ में छिपा हुआ है। लेकिन प्रदेश के लोगों की नजरें अब बड़ौदा की तरफ लगी हुई है। भाजपा और जजपा भी भी इस सीट को किसी कीमत पर हासिल करना चाहती है। Post navigation किसान नेताओं पर की जा रही दमनात्मक कार्यवाही लोकतंत्र की हत्या सुरक्षित होता सफरः हरियाणा में इस साल सड़क हादसों में 20 प्रतिशत की कमी