चंडीगढ़,25 अक्तूबर। किसान नेताओं पर की जा रही दमनात्मक कार्यवाही लोकतंत्र की हत्या है। सीटू की राय अध्यक्ष सुरेखा व महासचिव जय भगवान ने रविवार को यह बयान प्रेस को जारी करते हुए दिया। उन्होंने बताया कि आज दशहरा पर किसान संगठनों ने कृषि बिलों के खिलाफ विरोध स्वरूप प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के पुतले दहन करने का ऐलान किया था। जिससे चौकन्नी पुलिस ने भिवानी में किसान नेता दयानंद पूनिया व अन्य को गिरफ्तार किया और कईयों को गिरफ्तार करने के लिए उनके घरों पर छापे मारे गए। पुलिस ने पानीपत सीटू कार्यायल में एकत्रित हो रहे किसानों को रोकने के लिए कार्यालय का घेराव भी किया।

उन्होंने कहा कि किसान विरोधी एवं आम जन विरोधी तीन कृषि बिलों के विरोध में किसान आंदोलन कर रहे हैं एवं पूरे देश में उनकी विरोध कार्यवाही जारी है। इसी कड़ी में हरियाणा में भी किसानों का आंदोलन चल रहा है। किसानों को डराने-धमकाने के लिए किसान नेताओं के घरों पर छापे मारे गए हैं एवं कई जिलों में किसान नेताओं की गिरफ्तारियां की गई हैं। कई जिलों में दफ्तरों का भी घेराव किया गया है। सीटू हरियाणा रा’य कमेटी सरकार की इस पुलिसिया कार्रवाई की कड़े शब्दों में निंदा करती है। किसानों के ऊपर  की गई दमनात्मक कार्रवाई लोकतंत्र की हत्या है, जिसे किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। पूरे हरियाणा और देश में भी अनेक जगहों पर किसान विरोधी, जनतंत्र विरोधी,मजदूर विरोधी  मोदी सरकार के पुतले जलाए जा रहे हैं। जनता द्वारा किए जा रहे इस जबरदस्त विरोध को दबाने के लिए ही किसान नेताओं पर दमनात्मक कार्यवाही की गई है। सीटू इन कार्यवाहियों की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए किसान नेताओं की तुरंत रिहाई की मांग करती है।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने भी की निन्दा

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने रविवार को कृषि बिलों के विरोध में पुतला दहन आंदोलन को रोकने के लिए किसान नेताओं की गिरफ्तारियां एवं घरों पर छापेमारी करने की घोर निन्दा की है। उन्होंने सरकार की इस कार्यवाही को संविधान द्वारा प्रदत्त जनवादी एवं लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला करार दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार तानाशाही एवं दमन करने की हदें पार कर रही है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने गिरफ्तार किए किसान नेताओं को तुरंत रिहा करने की मांग की है।

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