भिवानी/शशी कौशिक

 बिना विभागीय टाईप टेस्ट पास किए लिपिक पद पर कार्यरत अनेक कर्मचारियों को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में लिपिक से पदोन्नत करके लेखा परीक्षक  बना दिए जाने के बाद इस मुद्दे को दबाने और रफा-दफा करने का खेल आरम्भ हो गया है।

वास्तव मे हरियाणा सरकार का नियम है कि लिपिक के पद पर नियुक्त होने वाले प्रत्येक कर्मचारी को दो वर्षों में विभाग द्वारा आयोजित कम्प्युटर आधारित टाईप टेस्ट पास करना अनिवार्य होता है। यह शर्त उम्मीदवार के नियुक्ति पत्र में स्पष्ट रूप से दर्शायी जाती है। इसके अतिरिक्त विभाग कर्मचारियों को टाईप टेस्ट पास करने के लिये दो वर्षों के बाद भी अनेक अवसर प्रदान किए जाते हैं। यह नियम और परम्परा प्रदेश के सभी विभागों में है। क्योंकि नियमानुसार बिना टाईप टेस्ट पास किए लिपिक को ना तो इन्क्रीमेंट मिल सकती हैं और ना ही पदोन्नति।

परंतु खाद्य एवं आपूर्ति विभाग हरियाणा में मुख्यालय स्तर पर चल रहे भारी घोटाले के चलते सन् 2016 में  40 से अधिक लिपिको को बिना टाईप टेस्ट पास किए ही ना केवल लेखा परीक्षक पद पर पदोन्नत कर दिया बल्कि उनकी इन्क्रीमेंट भी लगानी आरम्भ कर दी। अब भी जो लिपिक फरवरी 2012 में नियुक्त हुए थे और उनमें से 30 से अधिक ऐसे लिपिक है जिन्होंने आज तक टाईप टेस्ट पास नहीं किया । जबकि माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने मार्च 2019 में एक फैसला दिया था कि सभी कर्मचारियों को जो लिपिक पद पर कार्यरत है और जिन्होंने दो विभाग द्वारा आयोजित कम्पयुटर आधारित टाईप टेस्ट पास नहीं किया है। उन्हें नवम्बर 2019 तक टाईप टेस्ट पास करना अनिवार्य ह,ै वो भी हारट्रान पंचकूला द्वारा आयोजित किया जाना है, जिसे एस ई टी सी टेस्ट कहा जाता है।

परंतु खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने ऐसे लिपिक जो नवम्बर 2019 तक विभागीय  टाईप टेस्ट या एस ई टी सी टेस्ट पास नहीं कर पाए, उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की। बल्कि अनेक क्लर्कों को नवम्बर 2019 के बाद भी मिलीभगत कर हारट्रान पंचकुला द्वारा आयोजित किए जाने वाले बेसिक कम्पयुटर ज्ञान टेस्ट और टाईप टेस्ट में भाग लेने की गैरकानूनी तरीके से अनुमति प्रदान कर दी। सूत्रों के अनुसार इनमें से अनेक लिपिको ने फर्जी तरीके से बेसिक कम्पयुटर ज्ञान सर्टिफिकेट बनवाए और जुगाड़ से टाईप टेस्ट पास भी कर लिया। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग नवम्बर 2019 के बाद विभागीय टाईप या एसईटीसी  पास न करने वाले वालो को हारट्रान के टेस्ट में सम्मिलित होने की अनुमति किस आधार पर दी। इसका कोई जबाब नहीं दे रहा? ना ही बिना टाईप टेस्ट पास करने वाले लिपिको को डिमोट किया गया और ना ही इन्हें पदोन्नति और इन्क्रीमेंट देने वाले खाद्य एवं आपूर्ति विभाग हरियाणा के मुख्यालय में बैठे अधिकारियों पर कोई कार्रवाई हुई।

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