भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश सरकार को किसान, मजदूर और कर्मचारी विरोधी दिया करार कहा- मौजूदा सरकार में किसानों को एमएसपी और कर्मचारियों को नहीं मिल रहे वेतन-भत्ते
रोज़गार देने की बजाए रोज़गार छीनने में लगी सरकार, पीटीआई के बाद ग्रुप डी कर्मचारियों का छीना रोज़गार- हुड्डा
सरकार के सताए किसान और कर्मचारियों को बरोदा की जनता से उम्मीद, बीजेपी की ज़मानत ज़ब्त करवाएगी जनता- हुड्डा
मेरी जीत प्रदेश के हर किसान, मजदूर, कर्मचारी, दुकानदार, छोटे व्यापारी और आम आदमी की जीत होगी- इंदुराज नरवाल
चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में किसानों के मुद्दे पर पूर्व CPS रणसिंह मान ने कांग्रेस पार्टी का समर्थन किया

25 अक्टूबर, गोहाना(सोनीपत): पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश की बीजेपी सरकार को किसान और कर्मचारी विरोधी करार दिया है। बरोदा में लगातार चुनाव प्रचार कर रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा आज कोहला, नूरन खेड़ी, ईशापुर खेड़ी, राणा खेड़ी, गगाना, हुड्डा आला और बुटाना में कांग्रेसी उम्मीदवार इंदुराज नरवाल के लिए वोट मांगने पहुंचे। इस मौक़े पर उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार पूरी तरह किसान और कर्मचारी विरोधी है। यही वजह है कि आज सड़कों पर किसान और मंडी में उसकी फसल पिट रही है। इस दौरान गाँव कोहला में चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में किसानों के मुद्दे पर पूर्व CPS रणसिंह मान ने कांग्रेस पार्टी का समर्थन किया।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि वो दो बार लगातार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। उनकी सरकार के दौरान सरकार और किसानों का सबसे बड़ा मुद्दा MSP में ज्यादा से ज्यादा बढ़ोतरी करना होता था। इसलिए उनकी सरकार ने महज़ 10 साल में लगभग हर फसल का रेट 3 गुणा तक बढ़ाया। लेकिन आज एमएसपी में बढ़ोत्तरी तो दूर, इसके उलट किसानों को MSP बचाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। किसान विरोधी 3 क़ानून लागू होने के बाद अन्नदाता की स्थिति और खराब होने वाली है। आज ज्यादातर फसलें करीब-करीब आधे रेट पर बिक रही हैं। गेहूं और सरसों के सीज़न में किसानों से फसल बिक्री के लिए बार-बार मंडी के चक्कर लगवाए गए। उसके बाद पेमेंट के लिए लंबा इंतज़ार करवाया गया। इसके बाद कपास, मक्का, बाजरा और धान सीजन में भी किसानों को परेशान किया जा रहा है। विपक्ष के बार-बार मांग करने के बावजदू एक महीना देरी से धान की खरीद शुरू की गई। उसके बाद भी किसानों को कभी गेट पास, कभी पोर्टल तो कभी नमी के नाम पर परेशान किया गया। सरकारी कारगुजारियों से परेशान किसानों को अपनी फसल औने-पौने दाम पर प्राइवेट एजेंसियों को बेचनी पड़ी। जैसे-तैसे चंद किसान अपनी फसल MSP पर बेच पाए तो उसे अब तक पेमेंट नहीं हुई।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि किसान ही नहीं कर्मचारियों का भी यही हाल है। लगातार कर्मचारियों के भत्तों में कटौती की जा रही है। उन्हें वक्त पर सैलरी तक नहीं मिल रही। सरकारी नौकरियों को ख़त्म करने के लिए महकमों का निजीकरण किया जा रहा है। कच्चे ही नहीं पक्के कर्मचारियों को भी नौकरी से हटाया जा रहा है। इस सरकार ने हमारे कार्यकाल में लगे हज़ारों कच्चे और 1983 पक्के पीटीआई का रोज़गार छीनने का काम किया। इतना ही नहीं, मौजूदा सरकार ने ख़ुद के लगाए 1518 ग्रुप डी कर्मचारियों की भी नौकरी छीन ली। इससे पहले कोरोना काल में भी सरकार ने सैकड़ों सफाईकर्मियों और कच्चे कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया था। इस सरकार के सताए हजारों कर्मचारी और उनके परिवार आज सड़कों पर है। तमाम लोग बरोदा की तरफ देख रहे हैं।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आज प्रदेश का हर कर्मचारी, किसान, मजदूर, दुकानदार और व्यापारी बरोदा की जनता से आस लगाए बैठा है। उन्हें उम्मीद है कि बरोदा की जनता उनके साथ अन्याय करने वाली सरकार को सबक सिखाने का काम करेगी। जनता वोट की चोट से बीजेपी की ज़मानत ज़ब्त करवाएगी। इस मौक़े पर कांग्रेस उम्मीदवार इंदुराज नरवाल ने कहा कि उनकी जीत प्रदेश के किसान, मजदूर, कर्मचारी, दुकानदार, छोटे व्यापारी और आम आदमी की जीत होगी।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि कांग्रेस सरकार के दौरान ग़रीबों और दलित परिवारों को 3 लाख 82 हजार सौ-सौ गज के मुफ्त आवासीय प्लॉट दिए गए। साथ ही मकान बनाने के लिए 91-91 हज़ार रुपये, मुफ्त टंकी, टूंटी और पानी के कनेक्शन दिए थे। जबकि बीजेपी सरकार ने आते ही इस योजना को बंद कर दिया। 6 साल में एक भी ग़रीब परिवार को प्लॉट नहीं दिया गया।

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