धर्मपाल वर्मा

गोहाना । हिंदी की मशहूर फिल्म शोले में गब्बर सिंह की ऐतिहासिक भूमिका में अपना काम करते हुए चरित्र अभिनेता अमजद खान एक प्रचलित डायलॉग बोलते हुए कहते हैं कि , रामगढ़ वालों , गब्बर सिंह से तुम्हें एक ही व्यक्ति बचा सकता है और वह है खुद गब्बर ।

यदि इस डायलॉग को हरियाणा में चल रहे बरोदा के उपचुनाव में लाकर बोलने लगे तो हम कह सकते हैं कि, चुनाव लड़ने वालों ,इस चुनाव में तुम्हारी नैया एक ही समुदाय पार लगा सकता है और वह समुदाय हैं यहां के खेती के पेशे से जुड़े आधे से अधिक मतदाताओं का। इस आश्य को सब समझ सकते हैं ।

यहां सभी दल लगभग 2 महीने से जद्दोजहद करने में लगे हुए हैं कांग्रेस के नेता पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थक आरम्भ से यह है दावा कर रहे हैं कि उनका उम्मीदवार न केवल जीत दर्ज करेगा बल्कि भाजपा के उम्मीदवार की जमानत भी जब्त कराएगा। राजनीतिक पर्यवेक्षक कह रहे  हैं कि कांग्रेस की तरफ से यह दावा इसलिए किया जा रहा है कि उन्हें इस बात का गुमान है कि यहां 50% मतदाता एक समुदाय विशेष के है ।उम्मीदवार भी इसी समुदाय है और भी इसी के दम पर चुनाव जीत सकते हैं । शेष लोग 50% के आसपास है परंतु उन में राजकुमार सैनी सेंध लगा रहा  है। इससे कांग्रेस को लाभ तो भाजपा को नुकसान होगा ।

जबकि भाजपा के पक्षधर और समर्थक यह दावा कर रहे हैं कि उनका उम्मीदवार हाई प्रोफाइल व्यक्ति अंतरराष्ट्रीय पहलवान इमानदारी और शालीनता का प्रतीक योगेश्वर दत्त है। यह उम्मीदवार प्रधानमंत्री तक से सीधा मिल सकता है ।

अब चुनाव में 1 सप्ताह शेष है । इसे हम चुनाव का अंतिम चरण मानकर चलें तो अब दोनों उम्मीदवार अर्थात दोनों पक्ष मतलब भाजपा और कांग्रेस के नेताओं को अपनी रणनीति बदलने को मजबूर होना पड़ा है ।

कांग्रेस के लोग जहां उपरोक्त समुदाय विशेष में अपना दबदबा कायम करने रखने की कोशिश में हैं वही भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकार अब इसी समुदाय के मतदाताओं में घुसपैठ करने की योजना पर काम करने लगे हैं। इसलिए उन्होंने जहां जेजेपी के नेताओं को चुनाव प्रचार में उतार दिया है वहीं पार्टी के इस समुदाय विशेष के नेताओं को एक तरह से निर्देश दे दिए हैं कि वे किसी तरह से भी इन मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश में लग जाए।

उन्हें यह अहसास हो गया है कि इन मतदाताओं के आशीर्वाद के बिना काम नहीं चलेगा। इसी विचार के दृष्टिगत उपरोक्त मतदाताओं में असर रखने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेता चुनाव प्रचार में दिन रात एक कर रहे हैं। शायद लक्ष्य यही है कि इन्हें हर हाल में पार्टी के उम्मीदवार को आशीर्वाद देने के लिए तैयार किया जाए। उनकी तरफ से यह संदेश हर गांव हर गली में दिया जा रहा है कि झोटा खागड और पहलवान सबके साझले होया करै । इस समुदाय के मतदाताओं के निर्णायक होने का अनुमान इस बात से भी लगाया जा सकता है कि भाजपा के पक्षधर कहते हैं कि यह जो इनेलो का उम्मीदवार है यह उपरोक्त समुदाय की अच्छी खासी वोट भी गया तो इससे हमारे उम्मीदवार को फायदा होगा ।दूसरी तरफ कांग्रेस वाले इस उम्मीदवार के बारे में यह खयाल बना चल रहे बताए गए हैं कि उसे ज्यादा वोट नहीं मिलने वाले ।कहते हैं कि पिछले चुनाव में उसे 29 सौ के आसपास वोट मिले थे अब वह 4000 से ज्यादा होने वाले नहीं हैं l उनकी शायद यह दर्शाने की कोशिश रहती है कि इनेलो उम्मीदवार इस खास समुदाय की अधिक वोट न लेकर एक तरह से कांग्रेस का फायदा कर रहा है ।

अभी चुनाव में कई दिन बाकी है और अंतिम चरण मतलब आखिरी तारीखों मैं कुछ ऐसी कोशिशें हो सकती है कि उम्मीदवार उपरोक्त समुदाय की अधिक से अधिक वोट बटोरने के लिए कोई नई योजना कोई नया ड्रामा भी कर दे ।इससे भी यह साफ हो जाएगा कि राजनीतिक दल यह मानकर चल रहे हैं कि उपरोक्त समुदाय के सहयोग के बिना नैया पार नहीं हो पाएगी।

error: Content is protected !!