करनाल का काछवा गांव पुस्तक संस्कृति के उन्नयन का बनेगा केंद्रसरदार पटेल पुस्तकालय श्रृंखला अभियान में बनेंगे 40 पुस्तकालय पंचकूला, 22 अक्तूबर। कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व अभियान के तहत उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम हरियाणा की पहल पर करनाल जिला मुख्यालय से उत्तर दिशा में 15 किलोमीटर दूर करनाल विधानसभा के आखरी गांव काछवा के पंचायत भवन में किताबों की दुनिया 16 हजार जनसंख्या के लिए सरदार पटेल पुस्तकालय की स्थापना के साथ समर्पित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रेरणा से बिजली मंत्री रणजीत चैटाला के मार्गदर्शन में स्थापित यह पुस्तकालय आधुनिक ज्ञान के स्त्रोत, अध्यात्म परंपरा और साहित्य सृजन की कसौटी की मानक किताबें एक साथ ऐसा संगम निर्मित कर रही हैं जहां से ज्ञान की धारा सरस्वती प्रवाहित होगी। इतिहास साक्षी रहा है जिस समाज को अक्षर ज्ञान से जोड़ा गया वह समाज बौद्धिक सम्पदा के उत्पादन की सरजमीं बन गई। ऐसा पुस्तकालय जिसकी दिवारों पर पंडित लख्मीचंद की रागनी, किताबें बुला रही हैं के नारे को बुलंद कर रही हैं तो वहीं हरियाणा की रचनाधर्मिता की विरासत बालमुकुंदगुप्त की पंक्तियां समाज के सभी वर्गों को प्रेरित करते हुए मानों कह रही हों अब पढ़ेगा हरियाणा और बढ़ेगा हरियाणा। महर्षि व्यास की रचना महाभारत की आधारभूमि हरियाणा जिसका शाब्दिक अर्थ है हरि का अरण्य यानि भगवान का जंगल। इसे अब पढ़ा नहीं जिया जाएगा। दिवार पर उकेरी गई तस्वीर भगवत गीता का वह अध्याय जिसमें भगवान श्री कृष्ण पार्थ अर्जुन को उपदेश देते हुए कहते हैं कि-हे धनंजय जब व्यक्ति स्व: हितों से ऊपर उठकर कार्य करता है तो ब्रहमांड के समस्त ग्रह नक्षत्र सहयोग के लिए तत्पर हो जाते हैं। पुस्तकालय की स्थापना समाज के आखरी से आखरी व्यक्ति को अक्षर ज्ञान से जोड़कर सशक्त बनाने की ऐसी यात्रा है जो अपने आप में लोकतंत्र की सर्वोत्तम अवधारणा को साकार करती है। काछवा में सरदार वल्लभ भाई पटेल की स्मृति को नई पीढ़ी से साक्षात्कार करवाने का उद्देश्य देश की एकता और अखंडता को अक्षुण बनाए रखने में नौजवानों और बालमन को प्रेरित करना है। 21 अक्तूबर पुलिस की शहादत और स्मृति को नमन करने का दिन है। विदित है कि 21 अक्तूबर को ही भारत-चीन सीमा विवाद पर 1962 में भारतीय पुलिस बल के जवान अपनी सीमाओं की रक्षा करते हुए शहीद हो गए थे। शहादत दिवस के दिन ज्ञान केन्द्र के लोकार्पण का उद्देश्य यह बताना है कि प्रत्येक नागरिक का पहला धर्म देशभक्ति है देशप्रेम है। लो आ गई किताबों की दुनिया नवनिर्मित पुस्तकालय में नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित कुल रकम 01 लाख 10 हजार रुपये की अंग्रेजी व हिन्दी प्रकाशन का संपूर्ण सैट जिसमें बाल साहित्य सीरीज, लोकोपयोगी साहित्य, युवा साहित्य, जीवन चरित्र, भारतीय भाषाओं का आदान-प्रदान श्रृंखला, विज्ञान कथाएं, वैज्ञानिक अविष्कार, जलवायु परिवर्तन, खेल जगत, हमारे पूर्वज, हमारी विरासत, विश्व का श्रेष्ठ साहित्य सहित 1400 पुस्तकें उपलब्ध हो गई हैं। वहीं दूसरी तरफ साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित 84,386 रुपये की किताबें जिसमें भारतीय भाषाओं के क्लासिकल साहित्य की 845 पुस्तकें खरीदकर जमा की गई हैं जिसमें उपन्यास, कहानी, जीवनी, आत्मकथाएं प्रमुख हैं। Post navigation एचएसवीपी में फर्जी एनओसी के सहारे की जा रही अरबो की सरकारी जमीन खूर्दबुर्द रंजीत मर्डर मामले में सीबीआई अदालत में हुई सुनवाई