पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग 2018 से तैनात 412 अनुबंध वीएलडीए को हटाने की तैयारी

चंडीगढ़, 23 अक्टूबर। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने आरोप लगाया है कि पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग 2018 से तैनात 412 अनुबंध(वेटनरी एंड लाइव डेवलपमेंट असिस्टेंट (वीएलडीए) को नौकरी से हटाने पर आमादा दिखाई दे रहा है। इसी कारण विभाग के एसीएस ने 5 नवंबर को 412 वीएलडीए के खत्म हो रहे अनुबंध विस्तार में गैर जरूरी शर्तों को जोड़ दिया गया है। ताकि वह उन शर्तों को पूरा नही कर पाएंगे और आसानी से नौकरी से हटाया जा सके। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर 5 नवंबर को खत्म हो रहे अनुबंध को बिना शर्त एक साल बढ़ाने और 30 जून,2020 को हटाए गए 35 अनुबंध वीएलडीए को वापस सेवा में लेने की मांग की है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बिना किसी ओर देरी के 1983 बर्खास्त पीटीआई को शिक्षा विभाग में समायोजित करने, अन्य विभागों से नौकरी से हटाए गए सभी कर्मचारियों को वापस सेवा में लेने और स्पोर्ट्स पालिसी 1993 के ग्रेडिंग सर्टिफिकेट से खेल कोटे से ग्रुप डी में लगे कर्मचारियों को सेवा सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, महासचिव सतीश सेठी व सचिव बिजेंद्र बेनीवाल ने बताया कि हरियाणा पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग ने 2018 में स्वीकृत रिक्त पदों के विरुद्ध स्थाई भर्ती करने की बजाय 421 वीएलडीए को अनुबंध पर लगाया गया था। जिसमें से अब 412 वीएलडीए विभाग में कार्यरत हैं। बाकी नौकरी छोड़ चुके हैं। उन्होंने बताया कि इन 412 अनुबंध वीएलडीए का अनुबंध 5 नवम्बर,2020 को समाप्त होने जा रहा है। लेकिन विभाग ने कोविड 19 के संक्रमण में इन कर्मचारियों का बिना शर्त अनुबंध विस्तार करने की बजाय  सेवा विस्तार के नाम पर शर्तें लगाकर कर्मचारियों को मानसिक रूप से परेशान कर रहा है और इनको नौकरी से हटाने में जुटा हुआ है।

उन्होंने दो टूक कहा कि अगर 412 वीएलडीए के 5 नवम्बर को समाप्त हो रहे अनुबंध का बिना शर्त विस्तार नही किया तो विभाग की वीएलडीए एसोसिएशन इसके खिलाफ प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन करेंगी। उन्होंने अनुबंध खत्म होने के कारण 30 जून,2020 को नौकरी से हटाए गए 35 वीएलडीए को पुन: सेवा में लेने की भी मांग की। उन्होंने बताया कि इन कर्मचारियों के आगामी सेवा विस्तार का प्रस्ताव विभाग द्वारा 18 जून को तैयार करके प्रधान सचिव, हरियाणा सरकार, पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग को आगामी कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया था, जो कि अंतिम स्वीकृति हेतु मुख्य सचिव, हरियाणा सरकार के कार्यालय में लम्बित है।

You May Have Missed

error: Content is protected !!