आरटीआई से हुआ पटवार फेल का खुलासा

रमेश गोयत
  चंडीगढ़,/पंचकूला   21 अक्तूबर। पैसा सब कुछ तो नही लेकिन बहुत कुछ जरूर है, ऐसा ही पैसे का एक मामला हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण विभाग पंचकूला सैक्टर 8 के भूमि अर्जन कलैक्टर कार्यालय में कॉन्टैक्ट पर लगा पटावर फेल एक पटवारी नायब तहसीलदार बना गया। सीएम विंडो पर शिकायत पहुचने पर सरकार ने मामलें की जांच के आदेश दे दिए है। शिकायत पर सरकार ने सुनवाई करते हुए ओएसडी सीएम भूपेश्वर दयाल ने शहरी संपदा विभाग में एक सप्ताह के अन्दर-अन्दर जांच पूरी कर रिपोर्ट देने को कहा है।

यह विभाग शहरो में सैक्टर काटने के लिए जमीन एक्वायर करता है। कार्यालय में स्टाफ कम होने के कारण 1995 में कॉन्टैक्ट पर पटवारी लगाए गए थे। जिसमें अधिकतर पटवार का पेपर पास थे, एक ही पटावारी शिवराज सिंह जो पटवार फेल था। सरकार के नियम के अनुसार पटवार फेल पटवारी नही लग सकता है। इस बात को विभाग भी आरटीआई से दी सूचना में मान रहा है। उसके बाद भी पैसें के दम पर यह पटवार फेल पटवारी से नायब तहसीलदार बन गया। कोर्ट में भी अपने-आप को पटवारी का पेपर पास बता रहा है। जबकी पटवार फेल आदमी कानूनगो व तहसीलदार के पेपर भी नही दे सकता। उलटे ही विभाग ने 2010 में 2003 से नियमत भी कर दिया। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण में भूमि अर्जन कार्यालय पंचकूला सैक्टर 8 में करोड़ों रूपये के घोटाले उजागर हो चुके है। जिसमें भूमि अर्जन अधिकारियों ने आखें बन्द करके सरकार के करोड़ों रूपये को गलत तरीके से बाटकर सरकार को करोड़ का सरकार को चूना लगाया। सरकारी पैसे को पानी की तरह बांटा गया।

इस मामलें की राजबीर सिंह व नवमोहित पंचकूला निवासी ने जब आरटीआई से सुचना मांगी तो खुलासा हुआ कि उपरोक्त तहसीलदार तो पटवार भी फेल है। आरटी आई के जबाब में बताया गया कि पटवार पद के लिए सभी पेपर पास अनिवार्य है। उसके बाद कानूनगो व तहसीलदार के पेपर भी नही दे सकता। जबकी यह पटवारी 1995 में पटवारी का पेपर भी फेल है।

राजबीर ने मुख्यमंत्री हरियाणा को दी शिकायत में बताया कि सरकार से सभी तथ्य छूपाकर पैसे के दम पर नायब तहसीलदार बना है। अपनी शिकायत की सुनवाई भी खूद ही करता है। जिसके कारण कार्यवाही नही हो रही। दो साल गुजरने के बाद भी आल तक सीएम विंडो की शिकायत का जबाब नही मिला है। अब दो साल के बाद मामले की सुनवाई हुई है। इस मामले में नायब तहसीलदार शिवराज सिंह ने बात करने से मना कर दिया। कोई भी जबाब नही दिया।

सीएम विण्डो पर आने वाली आॅनलाइन शिकायतों का सम्बन्धित विभागों के नोडल अधिकारियों को तत्परता से निपटान करना होगा। यह पोर्टल जनता की शिकायतें सुनने के लिए प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त करने तथा तत्परता से शिकायतों का निपटान करने के लिए बनाया गया है। भविष्य में इसकी समीक्षा बैठक एक माह की बजाए हर सप्ताह बुलाए जाने का एक नियमित एजेंडा होगा। नोडल अधिकारियों को पूर्व तैयारी के साथ आना होगा अगर चाहे तो बैठक में फील्ड के अधिकारियों को अपने साथ ला सकते हैं।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के जन सुरक्षा, शिकायत, सुशासन पर सलाहकार तथा सीएम विण्डो (शिकायत) के प्रभारी अनिल राव तथा मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल ने सीएम विण्डो पर आने वाली शिकायतों का निपटान समय पर करने के आदेश दिए है। शहरी संपदा विभाग में एक सप्ताह के अन्दर-अन्दर जांच पूरी कर रिपोर्ट देने को कहा है। शिकायतों का निपटान प्राथमिकता से किया जाये।

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