एक ही दिन में तीन तीन परिवारों को काबू करने की क्षमता

धर्मपाल वर्मा

गोहाना – 19 तारीख और चौका कांग्रेस और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नाम हो गया । 19 अक्टूबर को गोहाना में एक साथ बहुत ऐसी चीजें हुई कि वर्षों तक लोग जिनकी चर्चा किया करेंगे।

एक चर्चा यह है कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा विपरीत परिस्थितियों में खुद को अव्वल साबित कर जाते हैं दूसरा यह कि वे जरूरत पड़ने पर किसी भी व्यक्ति के मस्तिष्क के लेवल को नाप लेते हैं और उसी के अनुरूप व्यवहार करते हैं ।कहा जाता है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा बहुत गहरे व्यक्ति है । उनके बारे में कुछ लोग यहां तक कह देते हैं कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा एक सर्जन की तरह हैं जो कभी ऑपरेशन करते हैं तो खून की एक बूंद भी नीचे नहीं गिरने देते । जिस का ऑपरेशन करते हैं उसे कई दिन बाद असलियत का पता चल पाता है । ऐसा कर गए कि अब बरोदा में तिकोना मुकाबला आमने-सामने के मुकाबले में बदल गया और भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकारों फिर भी कान खड़े हो गए और वे एकाएक अलग तरह से सक्रिय हो गए हैं ।

19 को भारतीय जनता पार्टी 19 को 21 बनाने में जुट गई है और चौके का जवाब छक्के से देने और सहयोगी जननायक जनता पार्टी के दम पर मैच जीत लेने की कोशिश में जुट गई है ।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राजनीति की क्रिकेट मैं मैच खेलते हुए पहली पारी में आज मात्र 6 घंटे में जो स्कोर बनाया है वह इसलिए महत्वपूर्ण है कि उन्होंने होम ग्राउंड पर अनुकूल पिच पर बैटिंग करते हुए खुद के प्रयासों से बनाया है परंतु अभी बहुत कुछ होना बाकी है।

श्री हुड्डा ने 19 तारीख को वह कर दिखाया जिसकी कल्पना भी नहीं की गई थी । जिस परिवार ने टिकट के मामले में नाराजगी दिखाते हुए चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी पंचायत जब तक कर ली गई थी वही आज उनकी जय-जयकार करने को तैयार हो गया यद्यपि यह सब सलाह मशवरे के बाद हुआ बेशक रात के अंधेरे में हुआ और वही हुआ जिसके बारे में लोग पहले दिन चर्चा करने लगे थे ।

इससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि डॉक्टर की खुद की मजबूत स्थिति राजनीतिक कत्ल जैसी होते हुए भी उन्हें अपनी छतरी के नीचे ले आए । यहां वे सब भी नतमस्तक हो गए जो कल तक कहा करते थे कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कमजोर उम्मीदवार दिया है । उन्ही ने भालू को शेर बताया ।इनमें आम आदमी नहीं महम के विधायक बलराज कुंडू भी शामिल थे। कुंडू के भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मंच पर आने के अंदाज से आनंद सिंह दांगी को एहसास हो गया होगा कि मामला और माजरा क्या है ।

उधर श्री हुड्डा गोहाना में होते हुए भी किलोई हल्के में पहुंच गए और दिवंगत विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा के परिजनों को परिवार से जुड़ने मनाने और गिले-शिकवे दूर करने की कोशिश में सफल होते नजर आए ।यदि एक व्यक्ति एक ही दिन में तीन तीन परिवारों को काबू करने की क्षमता रखता हो वह एक हल्के को कैसे देखता होगा इसका अनुमान सहज ही लगा जा सकता है ।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बारे में कुछ लोग शायद सही कहते हैं कि वे राजनीति के मंजे हुए खिलाड़ी है ।एक ऐसे सर्जन है जो ऑपरेशन करते हैं तो खून की एक बूंद भी नीचे नहीं गिरने देते । जिस का ऑपरेशन होता है उसे भी दो-तीन दिन बाद पता चलता है की कैंची चाकू छुरियां कहा कहा चली है।
उन्होंने आज गोहाना में कुछ ऐसा ही करके दिखाया ।

उन्होंने यह भी साबित कर दिया कि राजनीति में मजबूत आदमी को आगे ले कर नहीं चला जाता कमजोर को मजबूत बनाओ ,भालू को शेर बनाओ फायदा उठाओ आगे बढ़ो ।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा साइक्लोजिकल ट्रीटमेंट करना भी जानते हैं आज की कार्यवाही से उन्होंने बरोदा हलका के एक खास वर्ग के मतदाताओं में जोश भरने का काम किया तो साफ नजर आ रहा था मकार्यकर्ताओं के चुनाव में काम आएंगे ।

पता नहीं क्यों पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश और खुद भूपेंद्र सिंह हुड्डा महम उपचुनाव का जिक्र कर गए इसे विरोधी किसी और रूप में प्रस्तुत कर सकते हैं ।

अब बात करते हैं दूसरी पारी में खेलने वाली टीम भारतीय जनता पार्टी की । देखा जाए तो अब दोनों टीमों में सीधा मुकाबला है। बहुत लोग इसे समय से पहले की जीत मान रहे हो होंगे परंतु यह भी हो सकता है कि एक-दो दिन में पासा पलट जाए ।19 के बाद 21 आता है और चौके का जवाब छक्के से ही दिया जा सकता है ।

ऐसे में दोनों की रणनीतियों की इंतजार करना ,परिणामों की इंतजार करना जोश खरोश दिखाना अभी बाकी है देखते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के बैट्समैन आखरी बॉल पर छक्का मारकर दर्द जीत दर्ज कर पाते हैं या नहीं।

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