जहां उपभोगता को महंगे दामों पर अनाज खरीदना पड़ रहा है वहीं अन्नदाता फसलों के उचित दाम न मिलने पर अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है

चंडीगढ़, 19 अक्तूबर: इनेलो के प्रधान महासचिव एवं विधायक अभय चौटाला ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा कृषि कानूनों में किए गए संशोधन के नतीजे आने शुरू हो गए हैं। केंद्र सरकार द्वारा आवश्यक वस्तु कानून में संशोधन कर खाद्य तेलों, दालों एवं अनाज के भंडारण पर लगी रोक अब हटा दी गई है जिस कारण से खुदरा मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर 7.34 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इन कृषि कानूनों के बनते ही खाद्य तेल एवं दालों की कीमतों में 40 प्रतिशत की भारी वृद्धि हो गई है।

उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों के नतीजे आने शुरू हो गए हैं। जहां फल, सब्जी, टमाटर, प्याज आदि के दाम इतने बढ़ गए हैं कि आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गए हैं, पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान को छू रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश का अन्नदाता उसकी फसलों के उचित दाम न मिलने पर अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है। जहां किसानों को मंडियों में नमी के नाम पर उसकी फसल के भावों मे कटौती की गई, वहीं किसानों की फसल एमएसपी पर न खरीद कर उसको सरेआम लूटा गया। आज देश और प्रदेश का अन्नदाता सडक़ों पर आंदोलन करने पर मजबूर है लेकिन वहां भी उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि आज हालत ये हैं कि दाल, अनाज, फल-सब्जी उगाने वाले किसान को तो उसकी फसलों के भाव मिल नहीं रहे, वहीं आम आदमी के लिए दाल, अनाज और फल-सब्जी खरीदना पहुंच से बाहर हो गया है।

इनेलो नेता ने कहा कि जैसे आवश्यक वस्तु कानून में संशोधन के बाद महंगाई बढ़ी है वैसे ही कंाट्रैक्ट फार्मिंग कानून के नतीजे भी जल्द ही देखने को मिलेंगे। हरियाणा में लगभग 85 प्रतिशत किसानों के पास दो हैक्टेयर से कम खेती की जमीन बची है, जिस पर किसान जैसे-तैसे खेती कर अपना पेट भरता है लेकिन अब कृषि कानूनों के कारण आने वाले समय में यही किसान अपने ही खेतों में मजदूरी करने पर मजबूर हो जाएगा। बरोदा उपचुनाव में किसान एकजुट होकर इनेलो के उम्मीदवार को भारी मतों से जितवाएगा और भाजपा गठबंधन के उम्मीदवार की जमानत जब्त करके उसके साथ हुए अत्याचारों का बदला लेगा।

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