17 से 25 अक्तूबर तक मनाए जाएंगे नवरात्र, शुभारंभ तिथि को सुबह 06:27 से 10:13 बजे तक रहेगा कलश स्थापना का मुहूर्त

गुरुग्राम: आचार्य पुरोहित संघ के अध्यक्ष पंडित अमरचंद भारद्वाज ने कहा कि करीब डेढ़ सौ बरस से अधिक दिनों बाद यह संयोग बन रहा है कि इस साल शारदीय नवरात्र पर मां दुर्गा के सभी 9 रुपों के पूजन से महासिद्धि, राजयोग, द्विपुष्कर, सिद्धि, सर्वार्थसिद्धि और अमरत्व की प्राप्ति होगी। नवरात्र में तीन स्वार्थसिद्धि योग बहुत ही शुभ हैं, गुरु व शनि स्वगृही रहेंगे। 17 से 25 अक्तूबर तक नवरात्र मनाए जाएंगे। मान्यता है कि इन दिनों मां दुर्गा का पाठ करना बहुत ही उत्तम रहता है। पंडित अमरचंद ने बताया कि इस बार नवरात्र पर मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं और भैंसे पर सवार होकर विदा होंगी। इसे शुभ नहीं माना जा रहा। ऐसा कहा जाता है कि माता के वाहन के रुप से भविष्य के कई संकेत मिलते हैं। इससे पड़ोसी देशों में महामारी, तनाव व युद्ध जैसी स्थिति के संकेत हैं।

पंडित अमरचंद ने बताया कि पंचांग दिवाकर के अनुसार 17 अक्तूबर को घट स्थापना मुहूर्त सुबह 06:27 से 10:13 बजे तक रहेगा। अभिजित मुहूर्त सुबह 11:44 मिनट से दोपहर 12:29 बजे तक होगा। 23 अक्तूबर को सुबह 6:30 बजे पर सप्तमी तिथि रहेगी। इसलिए सप्तमी तिथि को सातवां नवरात्र मानेंगे। 24 को सुबह 6:59 पर अष्टमी तिथि रहेगी जबकि सूर्य उदय 6:30 पर होगा। कंजक व अष्टमी पूजन इसी सुबह माना जाएगा। इसके बाद नवमीं तिथि लग जाएगी। पंडित अमरचंद ने कहा कि बाधाओं और कष्ट से मुक्ति के लिए आस्था निष्ठा, श्रद्धा व विधि के साथ मां दुर्गा के आगमन का स्वागत और पूजन करना शुभकारी है।

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