सांसद को ज्ञापन नहीं दे पाए प्रदर्शनकारी, पुलिस ने बेरिकेटर लगा कर रोका

भिवानी/शशी कौशिक

सरकार द्वारा किसानों के लिए लाए गए काले कानूनों के विरोध में अखिल भारतीय किसान सभा ने शहर में प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी कर रद्द करने की मांग की। उन्होंने मण्डी बोर्ड सचिव के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भी भेजा।

इससे पहले अखिल भारतीय किसान सभा ने यहां अनाजमंडी में बैठक का आयोजन किया। बैठक की अध्यक्षता अभाकियू प्रधान करतार गे्रवाल व आढ़ती एसो. नेता योगंद्र वोहरा ने संयुक्त रूप से की। बैठक का संचालन डा. बलबीर ठाकन ने किया। प्रदर्शकारी सांसद धर्मबीर ङ्क्षसंह को ज्ञापन देने उनकी मेहम रोड स्थित कोठी पर जाना चाहते थे। परन्तु पुलिस ने पहले से सुरक्षा व्यवस्था की हुई थी। सुरक्षा के लिए पुलिस ने दो साइड में बेरिकेटर लगाएं हुए थे। प्रदर्शकारी जैसे ही वंहा पहुंचे तो पुलिस ने भीड़ को रोक लिया। वंहा जम कर नारेबाजी की  गई।

अपने सम्बोधन में दयानंद पूनिया, मा. शेर सिंह वरिष्ठ उप-प्रधान हरियाणा, कामरेड औम प्रकाश, प्राचार्य विजय ने कहा कि अन्नदाता केवल अपनी रोजी रोटी और मुनाफे  के लिए ही खेती नहीं करता है बल्कि कृषि उत्पाद पैदावार कर देश का पेट भरता है देश को खाद्यान के मामले में आत्मनिर्भर बनाता है पर इस महत्व के बावजूद आज किसान की दुर्दशा खराब होती जा हरी है। देश के अन्नदाता को बचाने व उसके संकटों को दूर करने की बजाए सरकार भी अपनी जिम्मेदारी से पीछे हट रही है। ऑन लाईन पोर्टल व खरीद पर शर्त लगा किसानों को परेशान किया जा रहा है। आज वास्तविक में किसानों को उनके सभी कृषि उत्पादों का न्यूतम समर्थन मूल्य नहीं मिलता। किसान औने-पौने दामों पर फसल बेचने को मजबूर हैं। किसानों की इस दुर्दशा को देखते हुए अखिल भारतीय किसान सभा सरकार समस्याओं के समाधान की मांग की।

उन्होंने कृषि सम्बंधित तीनों कृषि कानून वापिस लिए जाने, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, सभी कृषि उत्पादों की खीरद फार्मूला के हिसाब से लागू करने, सभी कृषि उत्पादों की सरकारी खरीद करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाने, फसलों की खरीद में लगाई गई ऑनलाई, पोर्टल की शर्त वापिस लिये जाने, व किसान की पूरी फसल की खरीद किये जाने, किसान व मजदूरों को कर्ज मुक्त करने की मांग की।

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