प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन का शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन. एमएलए जरावता का भरोसा शिक्षा मंत्री से करेंगे बात फतह सिंह उजालापटौदी। पटौदी क्षेत्र के विभिन्न प्राइवेट स्कूलों के संचालकों के द्वारा स्कूलों की मान्यता 1 वर्ष और बढ़ाने के लिए मांग की गई है । इस संदर्भ में पटौदी प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट दिनेश जोशी ने पटौदी के विधायक सत्य प्रकाश जरावता के माध्यम से हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर के नाम एक मांग पत्र सौंपा है । एमएलए सत्यप्रकाश जरावता ने भरोसा दिलाया कि इस मामले में अभिभावकों और छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए वह शिक्षा मंत्री से बात करेंगे । प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन पटौदी के अध्यक्ष एडवोकेट दिनेश जोशी के साथ-साथ सतबीर सिंह, प्रेम प्रकाश, धीरज, जय वीर सिंह, वीर सिंह व अन्य के द्वारा शिक्षा मंत्री के नाम सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि प्राइवेट स्कूलों में पिछले काफी समय से विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जिनका समाधान बार-बार आश्वासन मिलने के बावजूद भी अभी तक नहीं हो पाया है । पटौदी क्षेत्र में विशेष तौर से ग्रामीण इलाकों में ऐसे स्कूल और संचालक हैं जो कि बीते 20 वर्षों से शिक्षण संस्थानों का संचालन विभिन्न परेशानियों के बावजूद अभिभावक और छात्र हित में करते आ रहे हैं, लेकिन अफसोस इस बात का है कि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है । सौंपे गए मांग पत्र में बताया गया है कि 6 मार्च को भी चंडीगढ़ में अतिरिक्त निदेशक की अध्यक्षता में सरकार के द्वारा गठित कमेटी में नॉर्म्स के सरलीकरण की बैठक बुलाई गई थी और इस बैठक में हरियाणा की विभिन्न यूनियनों के द्वारा अपने-अपने मांग पत्रों पर नियम सरलीकरण करने का और मान्यता देने के विषय में कमेटी के सामने मांगों को भी रखा गया था। इसके साथ ही कमेटी ने पूरे हरियाणा की मांगों को ध्यान में रखते हुए मान्यता संबंधित नियम बनाने के लिए भरोसा दिलाया था । लेकिन आज भी इन समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है। शिक्षा मंत्री कुंवर पाल गुर्जर के नाम सौंपे गए ज्ञापन अथवा मांग पत्र में अनुरोध किया गया है कि कोविड-19 के कारण अब स्कूल और स्कूल संचालकों के पास इतना समय नहीं था कि वह विभाग के नॉर्म्स को पूरा कर सकते । ऐसे में स्कूलों के नॉर्म्स को और अधिक सरलीकरण करके सभी स्कूलों को स्थाई मान्यता प्रदान की जाए । यदि सरकार और शिक्षा विभाग यह अभिभावक, छात्र हित में फैसला करता है तो इसका अनेकानेक गरीब अभिभावकों सहित छात्रों को लाभ मिलना तय है । यह भी मांग की गई है कि समाधान करने का आदेश देने के साथ ही स्कूल संचालक संबंधित का शुल्क जमा कर सकेंगे। जिससे अनेकानेक छात्र परीक्षाओं के लिए अपने फार्म भी आवेदन कर पाएंगे । ऐसे में अभिभावक और छात्र हित को ध्यान में रखते हुए शिक्षा मंत्री, शिक्षा विभाग और हरियाणा सरकार यथासंभव यथाशीघ्र जनहित में फैसला लेकर स्कूलों और स्कूल संचालकों के साथ-साथ अभिभावकों सहित छात्रों को राहत प्रदान करें। Post navigation बोहड़ाकला में तोड़फोड़… अब कटघरे में डिस्टिक टाउन प्लानर इंफोर्समेंट विंग ! कॉल्ट कंपनी ने की सरकारी स्कूल की काया पलट