भिवानी/मुकेश वत्स

 भवन निर्माण कामगार यूनियन हरियाणा (सीटू) के आह््वान पर भिवानी व दादरी के निर्माण मजदूर कारीगरों ने भिवानी उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया व डीएफएससी को उपायुक्त के नाम ज्ञापन सौपा। डीएफएससी ने उपायुक्त से यूनियन के साथ जल्द ही बातचीत करवाकर मांगों का समाधान करने का आश्वासन दिया। रोष प्रदर्शन कि अध्यक्षता जिला उपाध्यक्ष जयभगवान रावलधी ने की व मंच संचालन जिला सचिव अनिल कुमार ने किया।

रोष प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए भवन निर्माण कामगार यूनियन हरियाणा राज्य महासचिव व अखिल भारतीय निर्माण मजदूर फैडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर सिंह ने कहा कि बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं का नारा देने वाली भाजपा-जजपा सरकार निर्माण मजदूरों की बेटीयों की शादी को दो-दो, तीन-तीन साल होने के बाद भी कन्यादान का लाभ नही मिलता। केन्द्र की मोदी सरकार ने बडी कुर्बानियों व संघर्षो से बने 44 श्रम कानूनों को खत्म करके 4 कोड में बदलकर पूंजीपति घरानों को श्रमिकों को गुलाम बनाने के लिए मजबूर कर दिया हैं। आज सरकार की मजदूर-किसान विरोधी नीतियों का परिणाम हैं कि मंहगाई आसमान छू रही हैं, मजदूरों को अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ रहा है।

यूनियन जिला सचिव अनिल कुमार ने बोलते हुए कहा कि हरियाणा में 2007 में बोर्ड के गठन के समय से ही निर्माण मजदूरों की मान्यता प्राप्त यूनियनों को मजदूर के पंजीकरण व नवीनीकरण करवाने के लिए 1 वर्ष में 90 दिन के तसदीक करने की अर्थोटी थी। मगर खटटर सरकार ने निर्माण के रूप में तसदीक करने की अर्थोटी को खत्म करके मजदूरों के अधिकारों को खत्म करने का काम किया हैं और पंचायत सचिव, पटवारी सहित अन्य अधिकारियों को यह अधिकार दे दिया गया है, लेकिन कोई भी अधिकारी तसदीक करने के लिए तैयार नही हैं। अगर सरकार व अधिकारियों का ऐसा ही रवैया रहा तो लाखों निर्माण मजदूर कारीगर कल्याण बोर्ड से मिलने वाले लाभों से वंचित हो जाएंगे।

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