हेलीमंडी पालिका चेयरमैन सुरेश घिरे भ्रष्टाचार के मामले में, गुरुग्राम कोर्ट ने दिए हैं मुकदमा दर्ज करने के आदेश. पद पर बने रहने का विकल्प जिला उपायुक्त के पास फतह सिंह उजाला पटौदी । सांसद एवं केंद्र में मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के सबसे खास कहे जाने वाले हेलीमंडी नगर पालिका के चेयरमैन सुरेश यादव पर चेयरमैनशिप सहित पार्षद पद खोने का दोहरा संकट खड़ा हो गया है । अब देखने वाली बात यह है की पालिका चेयरमैन सुरेश यादव सहित अन्य तमाम आरोपियों पर भादस और भ्रष्टाचार अधिनियम के विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज होने के बाद जिला उपायुक्त इस मामले में क्या रुख अपनाते हैं ? इस पूरे प्रकरण में सभी लोगों की नजरें खासतौर से हेलीमंडी नगरपालिका के विरोधी गुट पार्षदों के साथ साथ अन्य लोगों की नजरें इस बात पर टिकी है , क्या चेयरमैन सुरेश यादव इतने गंभीर आरोप में कोर्ट के द्वारा दोषी ठहराए जाने पर स्वेच्छा से चेयरमैन पद से त्यागपत्र देंगे या फिर अपने पद पर बने रहने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे । 13 मई 2018 को सुरेश यादव वार्ड 4 से बड़े राव के राजनीतिक विरोधी छोटे राव , पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह के समर्थक प्रदीप जेलदार को पराजित कर पार्षद बने और इसके बाद 7 जून 2018 को सर्वसम्मति से हेलीमंडी पालिका के चेयरमैन चुने गए थे। गौर तलब है कि इससे पहले सुरेश यादव की पत्नी रीतू यादव को भी केंद्र में मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बदौलत ही हेलीमंडी पालिका की पहली महिला चेयरमैन बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, उस समय में इनेलो के एमएलए गंगाराम बोहड़ा का भी खास योगदान रहा था। अब बदले हालात में विरोधी गुट के पार्षदों सहित अन्य जानकारों का मानना है कि विभागीय जांच से अलग यह मामला कोर्ट का है । जिसमें कोर्ट के द्वारा पालिका चेयरमैन सुरेश यादव के साथ ही निवर्तमान पालिका सचिव , निवर्तमान पालिका अभियंता, निवर्तमान हेलीमंडी पालिका चैकी प्रभारी के साथ-साथ दो ठेकेदार कंपनियों व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश जारी किए हैं । ऐसे में सबसे गंभीर मामला भ्रष्टाचार का है और नैतिकता के आधार पर चेयरमैन को पार्षद के साथ-साथ चेयरमैन की कुर्सी छोड़ देनी चाहिये। जानकारों का मानना है कि मुकदमा दर्ज होते ही इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता की जिला उपायुक्त निर्वाचन नियमावली के तहत हेलीमंडी पालिका चेयरमैन सुरेश यादव को पार्षद पद से भी बर्खास्त कर सकते हैं । यदि ऐसा होता है तो सुरेश यादव न तो पालिका के पार्षद ही रह सकेंगे , चेयरमैन पद पर बने रहने की बात तो बहुत दूर की बात है । बहरहाल देखना यह है कि कोर्ट के निर्देश के मुताबिक पटौदी पुलिस संबंधित मामले में तमाम आरोपियों के खिलाफ कब मुकदमा दर्ज करके अपनी आगे की कार्रवाई आरंभ करेंगी । लेकिन लोगों का यही मानना है कि चेयरमैन सुरेश यादव को मौजूदा हालात में चेयरमैन पद के साथ-साथ पालिका पार्षद पद से भी त्यागपत्र दे देना चाहिए । इस बात के विपरीत जिला उपायुक्त के द्वारा चेयरमैन सुरेश यादव को पार्षद पद से ही बर्खास्त कर दिया जाएगा तो ऐसे में उनकी और भी ज्यादा किरकिरी होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है । अब लोगों की नजरें केवल मात्र इस बात पर टिकी है की चेयरमैन सुरेश यादव पद छोड़ने की स्वयं पहल करेंगे या फिर जिला उपायुक्त के फैसले के बाद ही कोई कदम उठाएंगे। Post navigation हेलीमंडी पालिका चेयरमैन सुरेश यादव भ्रष्टाचार के मामले में नपे ! किसानों की सभी समस्याओं का होगा समाधान: जरावता