चंडीगढ़, 12 अक्तूबर: हाथरस प्रकरण में राष्ट्रीय लोकदल के पार्टी उपाध्यक्ष जयंत चौधरी पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में मथुरा के बालाजीपुरम में ‘किसान बचाओ-लोकतंत्र बचाओ महापंचायत’ का सोमवार को आयोजन किया गया। मथुरा में पहुँच कर इनेलो के प्रधान महासचिव एवं विधायक अभय चौटाला ने इस महापंचायत का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में जहां-जहां भाजपा की सरकार है वहां बेटियां बचाना तो दूर की बात है बल्कि बेटियों को पढ़ाना ही नामुमकिन है। जब किसी दलित के घर बेटी पैदा होती है तो वो परिवार इस बात को लेकर चिंता व्यक्त करता है कि वो अपनी बेटी को कैसे पाल-पोश कर आगे बढ़ाएगा। अगर किसी गरीब की बेटी स्कूल-कालेज में पढऩे जाती है तो माँ-बाप को इस बात की चिंता सताती है कि शाम को उनकी बेटी किन हालात में मिलेगी। उन्होंने कहा इसका ताजा उदाहरण हाथरस में तब देखने को मिला जब एक दलित की बेटी के साथ दरिंदगी की गई, उसके साथ बलत्कार किया गया और फिर उसके हाथ-पैर तोड़ कर फैंक दिया गया। महापंचायत को संबोधित करते हुए इनेलो नेता ने कहा कि कोरोना की आड़ में अध्यादेश लाकर असंवैधानिक तरीके से किसान विरोधी कानून पास कराया गया, जिसके कारण किसान अपने ही खेत में मजदूर बनकर रह जाएगा। इन कानूनों की आड़ में बड़े-बड़े उद्योगपति किसानों को लूटने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि हाथरस में जिस सुनियोजित षड्यंत्र के तहत जयंत चौधरी पर जान से मारने की नियत से लाठीचार्ज कर हमला किया गया वो बेहद निंदनीय है। उन्होंने कहा कि जयंत चौधरी कोई पूर्व विधायक या सासंद ही नहीं बल्कि वो किसानों के मसीहा चौ. चरण सिंह के पोते हैं जिन्होंने देश के किसानों को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए ऐसे कानून बनाए जिससे किसान की आवाज को आज केंद्र और प्रदेश की सरकारों को सुनने पर मजबूर होना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने लाठियां बरसाई वो जयंत को नहीं लगी बल्कि खेती से संबंध रखने वाले हर उस किसान को लगी है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश की राजनीति में किसानों के हकों की लड़ाई लडऩे के लिए दो लोगों का अहम योगदान रहा है। पहला, अगर चौ. चरण सिंह हमारे देश में पैदा नहीं होते तो जो ग्रामीणों का मंत्रालय इस देश में बनाया गया है जिसके द्वारा केंद्र का पैसा ग्रामीण इलाकों में खर्च हो रहा है वो आज शायद शहरों में खर्च हो रहा होता। दूसरा नाम स्वर्गीय देवी लाल का आता है जब किसानों पर केंद्र की कांग्रेस की सरकार अत्याचार कर रही थी तब चौ. देवी लाल ने किसानों की लड़ाई लडक़र किसानों को सम्मान देने का काम किया था। Post navigation मुख्यमन्त्री मनोहर लाल ने राधेश्याम मानिकटाला के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया आईटीआई कर रहे छात्र की करंट लगने से मौत