9 अक्टूबर 2020, हरियाणा -शिक्षा विभाग द्वारा हर रोज अलग-अलग कार्यों के लिए जारी की जा रही एप पर विचार-विमर्श के लिए हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ की जिला कमेटी की बैठक जिला प्रधान साधुराम की अध्यक्षता में स्थानीय अक्षर भवन कार्यालय में हुई। बैठक का संचालन जिला सचिव संजीव सिंगला ने किया। जिला प्रधान साधुराम ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा चॉकलेट, सक्षम कक्षा, सक्षम बैठक, सक्षम समीक्षा, निष्ठा, टेलीग्राम, अवसर और दीक्षा जैसे दर्जनों ऐप प्राइवेट कंपनियों से महंगे रेटों पर खरीद कर जारी किये जा रही है। विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा लगातार दबाव बनाकर प्रत्येक अध्यापक से इन सभी एप को अपने मोबाइल में डाउनलोड करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। क्योंकि सभी अध्यापक ऑनलाइन कार्य में दक्ष नहीं है और न ही सभी जगह नेटवर्क ठीक प्रकार से कार्य कर रहे हैं। इसके कारण बहुत से अध्यापकों पर लगातार मानसिक दबाव बढ़ रहा है।

अध्यापक संघ के राज्य ऑडिटर वेदपाल रिढ़ाल ने अन्य अध्यापक संगठनों से भी इन एप्स के बहिष्कार की अपील की है। उन्होंने कहा कि निष्ठा ट्रेनिंग 3 महीने तक चलाई जानी है। उसके बाद विभाग इसी के आधार पर अध्यापकों की परीक्षा लेगा। जिसके परिणाम के आधार पर अध्यापकों की वार्षिक इंक्रीमेंट लगाने का निर्णय लिया जाएगा। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ इस प्रकार के ऑनलाइन ट्रेनिग का विरोध करता है। क्योंकि इससे अध्यापकों को कोई फायदा होने वाला नहीं है। अध्यापक संघ की मांग है अध्यापकों की ट्रेनिंग डाइट व बाइट्स में ही करवाई जानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षा विभाग द्वारा सरकार की शह पर शिक्षा के बजट को बेवजह एप्स खरीद कर प्राइवेट कंपनियों पर लूटवाया जा रहा है। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ इन एप्स का पूर्ण रूप से बहिष्कार करते हुए 11 अक्टूबर को जिला मुख्यालय पर धरना देकर प्रदर्शन करेगा और जिला उपायुक्त के माध्यम से ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजेगा । अध्यापक संघ बार बार निदेशालय में बातचीत के लिए अनुरोध कर रहा है बावजूद इसके अधिकारी बात करने को तैयार नहीं हैं। हरियाणा

विद्यालय अध्यापक संघ 11 अक्टूबर तक अधिकारी द्वारा समय नहीं दिए जाने की स्थिति में 12 अक्टूबर को मांस डेपुटेशन शिक्षा सदन पंचकूला जाकर निदेशक सेकेंडरी शिक्षा को बातचीत करने की कोशिश करेगा। यदि फिर भी अधिकारी बातचीत नहीं सुनते तो अध्यापक संघ एप्स के माध्यम से की जा रही शिक्षा के बजट की लूट व अध्यापकों के अन्य मांग मुद्दों को लेकर शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होगा। जिसकी सारी जिम्मेवारी शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों की होगी।

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