मुजफ्फरनगर में आयोजित लोकतंत्र बचाओ रैली में दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने भरी हुंकार

जाति-धर्म की दीवार तोड़कर किसानों से किया संगठित होने का आह्वान
किसान संगठित नहीं हुआ तो वो सड़क पर पिटेगा और उसकी फसल मंडी में पिटेगी- सांसद दीपेंद्र
जयंत चौधरी पर हमला, लोकतंत्र पर हमला था- सांसद दीपेंद्र
आरएलडी नेता जयंत चौधरी द्वारा आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे सांसद दीपेंद्र
दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने जनसभा में पढ़कर सुनाया प्रियंका गांधी का संदेश

8 अक्टूबर, चंडीगढ़ः राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने यूपी के मुजफ्फरनगर में हुई ‘लोकतंत्र बचाओ’ रैली में शिरकत की। आरएलडी के पूर्व सांसद जयंत चौधरी द्वारा आयोजित इस रैली में दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने देश के किसानों से संगठित होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि किसानों को जाति-धर्म की दीवार तोड़कर संगठित होना पड़ेगा। अगर किसान संगठित नहीं हुए तो वो सड़कों पर पिटेगा और उसकी फसल मंडियों में पिटेगी। बीजेपी सरकार ने ये दोनों ही काम शुरू कर दिए हैं। उसने किसान और उसकी फसल को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। हरियाणा से लेकर यूपी तक, हर जगह बीजेपी सरकार किसानों को सड़कों पर पीट रही है। किसान विरोधी 3 क़ानून लागू करके वो फसलों को मंडियों में पीट रही है।

सांसद दीपेंद्र ने कहा कि बीजेपी सरकार का मक़सद है कि वो हर उस आवाज़ को दबा दे जो ग़रीब, किसान और मजदूर के लिए उठती है। हाथरस के पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे जयंत चौधरी और उनके कार्यकर्ताओं पर हमला इसी की बानगी है। इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के साथ भी यूपी पुलिस ने बदसलूकी की। दीपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ भी यूपी पुलिस ने धक्का-मुक्की की थी। जबकि विपक्ष के इन तमाम नेताओं ने ना कोई क़ानून तोड़ा और ना ही कोई गुनाह किया। वो सिर्फ एक ग़रीब परिवार से मिलने उसके घर जाना चाहते थे। बावजूद इसके उनपर लाठियां बरसाई गईं।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी जयंत चौधरी पर हुए हमले को लेकर यूपी सरकार की कड़े शब्दों में निंदा की है। दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रिंयका गांधी के संदेश को जनसभा में पढ़कर सुनाया। सांसद दीपेंद्र ने कहा कि जयंत चौधरी पर हमला लोकतंत्र पर हमला था। क्योंकि लोकतंत्र में सरकार से सवाल पूछना और जनमानस के मुद्दों को उठाना विपक्ष की ज़िम्मेदारी होती है। अगर सत्तापक्ष विपक्ष को सबक सिखाने की मानसिकता रखता है तो वो लोकतंत्र नहीं बल्कि तानाशाही है।

राज्यसभा सांसद ने कहा कि बीजेपी की नीति शुरू से ही किसान विरोधी रही है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह किसानों के सर्वमान्य नेता रहे। 1979 में जब उन्होंने लाल क़िले से झंडा लहराया, तो देश का हर किसान ख़ुश था। लेकिन बीजेपी सरकार ने 2014 में सत्ता संभालते ही चौधरी चरण सिंह के घर 12 तुग़लक रोड को ख़ाली करवाया। किसानों को तभी समझ जाना चाहिए था कि ये सरकार किसान विरोधी है।

दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार किसान के अहसान और योगदान को पूरी तरह भूल गई है। जब देश ने अंग्रेज़ों से आज़ादी हासिल की थी तो 30 करोड़ भारतीयों के पास खाने के लिए अन्न तक नहीं था। लेकिन किसान ने अपनी अथक मेहनत से अन्न के भंडार भर दिए और आज वो 130 करोड़ भारतीयों का पेट भर रहा है। उस किसान को सशक्त करने की बजाए बीजेपी फूट डालो राज करो की नीति के तहत किसान-मजदूर को जाति-धर्म में बांटकर उन्हें कमज़ोर करने में लगी है। आज चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी को बिना किसी कसूर के सड़कों पर पीटा जाता है और दीपेंद्र सिंह हुड्डा को धनबल-सत्ताबल का ग़लत इस्तेमाल करके लोकसभा चुनावों में हराया जाता है। लेकिन सरकार का असली टारगेट सिर्फ जयंत और दीपेंद्र नहीं हैं, उसका असली टारगेट ग़रीब, किसान और मजदूर की वो आवाज़ जिसे हम बुलंद करने की कोशिश करते हैं। सरकार की कोशिश है कि देश में सड़क से लेकर संसद तक किसान-मजदूर हितैषी हर आवाज़ को दबाया जाए।

You May Have Missed

error: Content is protected !!