सीएम विंडो व उपायुक्त को ग्रामीणों ने दी शिकायत, जांच की मांग

गुरुग्राम। नूंह जिले के तावड़ू तहसील के कोटा खंडेवला ग्राम पंचायत के लोगों ने सीएम विंडो व नूंह जिला उपायुक्त को लिखित शिकायत देकर सरपंच व ग्राम सचिव पर स्थानीय विधायक के सह पर गुपचुप तरीके से ग्राम पंचायत की लगभग 42 एकड़ जमीन का पट्टा छोडऩे का आरोप लगाया है। ज्ञापन में ग्रामीणों ने जमीन का पट्टा छोडऩे में भारी गड़बड़ी करने व भ्रष्ट्राचार का आरोप लगाते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच कराने व दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। ज्ञापन में ग्रामीणों ने सरकारी नियमानुसार प्रशासनिक अधिकारियों व ग्रामीणों की मौजूदगी में कोटा चौपाल पर उक्त जमीन का पट्टा छोडऩे की मांग की है ताकि सभी ग्रामीणों को बोली लगाने का मौका मिल सके। 

ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा है कि गांव की लगभग 42 एकड़ पंचायती जमीन आई टी सी क्सासिक गोल्फ के अंदर स्थित है। हर बार इसकी बोली गुपचुप तरीके से गोल्फ के अंदर बैठकर की जाती है। जिस वजह से सभी ग्रामीणों को उक्त जमीन को पट्टे पर लेने का अवसर नहीं मिल पाता है। इस बार भी सरपंच द्वारा जमीन का पट्टा गुपचुप तरीके से छोड़ा गया जिससे सभी ग्रामीणों को बोली लगने का अवसर नहीं मिला।

इसकी शिकायत जब ग्रामीणों ने प्रशासन से की तो प्रशासनिक कार्रवाई से बचने के लिए सरपंच ने खानापूर्ति के लिए 5 अक्टूबर को सुबह 10 बजे चौकीदार से मुनादी करवाई कि सरकारी स्कूल कोटा खंडेवला में पंचायती जमीन का पट्टा छोड़ा जाएगा। तय समय के अनुसार स्कूल में ग्रामीण बोली लगाने के लिए एकत्र हुए लेकिन शाम 4 बजे तक भी स्कूल में सरपंच व ग्राम सचिव आदि पट्टा छोडऩे के लिए नहीं पहुंचे।

इधर सरपंच ने ग्रामीणों को गुमराह करते हुए स्कूल में पहुंचने के लिए कहा वहीं दूसरी ओर उक्त जमीन का पट्टा सरपंच व ग्राम सचिव ने मिलकर यादराम पुत्र शिवलाल के घर पर एकांत में बैठकर स्थानीय विधायक के करीबी विष्णु  उजीना, ओमप्रकाश पुत्र महीपाल राजपूत, बिस्सर अकबरपुर व चार अन्य के नाम छोड़ दिया जिससे सभी ग्रामीणों को बोली लगाने का मौका नहीं मिला। इससे ग्रामीणों में सरपंच के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों ने सरपंच पर स्थानीय विधायक के सह पर भ्रष्टाचार में लिप्त होकर विधायक  के करीबियों के नाम गलत तरीके से जमीन का पट्टा छोडऩे का आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने कहा है कि अगर इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कराई जाय तो भ्रष्टाचार की पोल खुल सकती है।

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