चंडीगढ़, 07 अक्तूबर: अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य विधायक कुलदीप बिश्नोई ने अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के हरियाणा में किसानों कि आवाज बुलंद करने की कोशिशों को नाकाम करने के अधिनायकवादी और दमनकारी नीतियों का सहारा लेकर उनकी ट्रैक्टर यात्रा को विफल करने का कुत्सित प्रयास किया गया, लेकिन किसानों के जोश और उत्साह ने भाजपा के षड्यंत्र को निष्फल कर दिया।

बिश्नोई ने कहा कि हरियाणा सरकार ने जिस प्रकार से पुलिस का दुरुपयोग करके लोकतांत्रिक व्यवस्था को ध्वस्त करने का प्रयास किया गया, जो केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की किसानों के प्रति उदासीनता पूर्ण रवैये का धोतक है। उन्होंने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार जिस प्रकार से किसानों का दमन करके उन की आवाज को दबाना चाहती है, उससे मालूम होता है कि सरकार किसानों को कारपोरेट जगत को सौंपना चाहती है। उन्होंने कहा कि आने वाला समय किसानों और गरीबों और श्रमिकों के लिए बुरे दिन की शुरुआत होने वाली है ?? और ये नए कृषि और श्रर्मिक सुधार कानून गुलामी का रास्ता प्रशस्त करेगा।

उन्होंने कहा कि सिरसा में जिस प्रकार से किसानों को लाठियों और डंडों से दौड़ा दौड़ा कर पीटा गया। यह सरकार के तानाशाही रवैए का परिचायक है। किसानों और मजदूरों के आक्रोश की कीमत सरकार को आने वाले चुनावों में चुकानी पड़ेगी। हरियाणा और पंजाब में राहुल गांधी के खेती बचाओ अभियान की सफलता का उल्लेख करते हुए बिश्नोई ने कहा कि हजारों की संख्या में किसानों, श्रर्मिकों और आमजन ने कुरूक्षेत्र की धर्मभूमि से संघर्ष का शंखनाद किया गया है। वह भाजपा के सांसदों की नींद हराम करने के लिए काफी है। इसके परिणाम हरियाणा में भी शीघ्र ही देखने को मिल सकतें हैं। उन्होंने प्रदेश के किसानों से अपील की है कि वह कृषि सुधार से सम्बन्धित काले कानूनों को रद्द करवाने के लिए एकजुट होकर संघर्ष करें ताकि उनको कारपोरेट जगत के शोषण से बचाया जा सके।

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