6 अक्टूबर 2020. स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि किसानों के धान व बाजरा का एक-एक दाना न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का दमगज्जा मारने वाली हरियाणा भाजपा-खट्टर सरकार जिस तरह से बाजरा व धान की सरकारी खरीद कर रही है, उस हिसाब से खरीद प्रक्रिया पूरी होने में ही छह माह का समय लग जायेगा।

विद्रोही ने कहा कि पूरे हरियाणा की मंडियों में सरकार कोविड संक्रमण के बहाने रोज 60 से 100 किसानों की खरीद के लिए बुलाकर जान-बूझकर खरीद प्रक्रिया को इसलिए लम्बा खींच रही है ताकि मुठ्ठीभर किसानों की फसले ही खरीदकर ज्यादा समय तक खरीद की, यह दमगज्जा मारकर खरीद को बंद कर दे।

इसका उदाहरण देते हुए विद्रोही ने बताया कि रेवाडी जिले में पोर्टल पर 46827 किसानों ने बाजरा खरीद के लए रजिस्टेऊशन करवाया है जिसे सरकार ने 46 दिनों में खरीदने का लक्ष्य रखा है। पर जमीनी धरातल पर वास्तविकता यह है कि पहले पांच दिनों में रेवाड़ी जिले में मात्र 478 किसानों का ही बाजरा खरीदा गया है। अगर यही गति चलती रही तो रेवाड़ी जिले में ही किसानों का पोर्टल पर दर्ज बाजरा ही खरीदने में छह माह से ज्यादा समय लग जायेगा।

 विद्रोही ने कहा कि सरकार का खरीद रवैया खुद प्रमाण है कि भाजपा सरकार बाजरा व धान का एक-एक दाना खरीदने की बजाय नौटंकी करके प्रायोजित मीडिया प्रचार से किसानों को ठगने का खेल खेल रही है। वहीं किसानों ने पोर्टल पर जितना बाजरा दर्ज करवाया है, उस हिसाब से उसका वह बाजरा भी नही खरीदा जा रहा है बल्कि जिस किसान का सरकारी शर्तो अनुसार भी 40 क्विंटल बाजरा खरीदा जाना चाहिए, उसका 10-12 क्विंटल बाजरा ही बेचने का गेट पास देकर धोखाधडी की जा रही है। यहीं स्थिति प्रदेश ही हर मंडी में बाजरा व धान खरीदने के प्रति है। जब सरकार का रवैया ही खरीद प्रक्रिया को लम्बी खींचकर किसानों को हतोत्साहित करके अपना बाजरा-धान निजी व्यापारियों को बेचने को मजबूर करने का है तो सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि सरकार कैसे-कैसे षडयंत्र रच रही है।

विद्रोही ने मुख्यमंत्री को चुनौती दी कि यदि वे सच्चे-सुच्चे है तो खरीद प्रक्रिया का टरकाऊ रवैया छोड़कर जमीनी धरातल पर किसान का बाजरा व धान का एक-एक दाना न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की पुख्ता व्यवस्था करने की हिम्मत दिखाये। 

error: Content is protected !!