एसडीएम की बगल में अस्पताल और यह है अस्पताल का हाल. एसडीएम साहब कभी-कभी तो अस्पताल का भी दौरा होना चाहिए. पूरे मामले पर स्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने चुप्पी साधी फतह सिंह उजाला पटौदी । पटौदी के एसडीएम कार्यालय और यहां के नागरिक अस्पताल के बीच में केवल मात्र 9 इंच की दीवार ही बनी हुई है । लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है की एसडीएम की बगल में ही नागरिक अस्पताल में इस प्रकार की खासतौर से कोरोना महामारी के चलते लापरवाही बऱती जाएगी तो स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल उठने भी स्वाभाविक हैं । सीधी बात करते हैं पटौदी के नागरिक अस्पताल में एक के बाद एक सामने आ रहे लापरवाही के मामलों की । ताजा घटनाक्रम में जो मामला सामने आया है , वह कोरोना कोविड-19 महामारी प्रोटोकॉल को देखते हुए बेहद गंभीर और चिंतनीय कहा जा सकता है । यहां प्रसूता वार्ड में एक ही बेड पर 2-2 नवजात शिशु और उनकी माता को देखा जा सकता है । अब सवाल यह है क्या यह सब अनजाने में हुआ या फिर जानबूझकर ऐसा किया गया ? इस मामले में जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से लेकर नागरिक अस्पताल की जिम्मेदार अधिकारी तक व्हाट्सएप पर फोटो सहित घटना को शेयर करते हुए भेजा गया , लेकिन समाचार लिखे जाने तक जिला गुरुग्राम से लेकर पटौदी तक स्वास्थ्य विभाग के किसी भी अधिकारी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है । जानकारों की मानें तो प्रसूता वार्ड और नवजात शिशु सहित माता के लिए प्रसव उपरांत का समय बेहद संवेदनशील माना जाता है । इस दौरान संक्रमण की सबसे अधिक संभावना बनी रहती है और यही कारण है कि प्रसव के उपरांत नवजात शिशु और माता की देखभाल के लिए विशेष सावधानियां बऱती जाती हैं। लेकिन पटौदी नागरिक अस्पताल में जो कुछ भी घटना सामने आई , वह अपने आप में बड़ा सवाल और इससे भी बड़ा जांच का विषय बन गया है । क्या यहां पर नवजात शिशु और प्रसूता के स्वास्थ्य के साथ कथित रूप से इसी प्रकार का खिलवाड़ हो रहा है ? इससे पहले ऐसी ही एक और बेहद चिंताजनक और चैंकाने वाली घटना सुर्खियां बनी । जब 16 घंटे तक कोविड-19 संक्रमित मृतक का शव अस्पताल परिसर में ही एक वाहन में खुलेआम पड़़ा रहा । जब यह मामला सुर्खियों में आया, मीडिया ने उठाया तो आनन-फानन में मृतक का अंतिम संस्कार भी पटौदी के ही श्मशान घाट में किया गया । यहां पर भी कथित रूप से कोरोना कोविड-19 संक्रमित मृतक के शव को पटौदी पालिका के कर्मचारियों के द्वारा करीब 16 घंटे के बाद पॉलिथीन में पैक करवाया गया और देर रात को पालिका कर्मचारियों के द्वारा ही कोविड-19 मृतक का अंतिम संस्कार भी करवाया गया । कथित रूप से इस घटना के 2 दिन बाद पालिका कर्मचारियों से पटौदी नागरिक अस्पताल प्रशासन के द्वारा कथित रूप से अपने बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग के दस्तावेजों में अपनी सुविधा के मुताबिक लिखा पढ़ी करके हस्ताक्षर करवाए गए । ऐसे और भी मामले हैं , जो समय समय पर सामने आते रहे हैं। इसके विपरीत स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के द्वारा भी लापरवाही के मामलों में चुप्पी साधे रहना अपने आप में वह सवाल है कि इन सवालों का जवाब भी सामने आना जरूरी है । Post navigation 71 किसानों को एसएमएस, लेकिन 40 ने ही गेट पास कटवाये मृतक की मैडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम की मांग