आज दलित बस्ती ( किला कॉलोनी ) बादशाहपुर विधानसभा के निवासियों ने शमा रेस्टोरेंट में मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि NGT द्वारा बस्ती के मकानों को तोडे जाने बारे जो आदेश पारित किए गए हैं वह एक याचिकाकर्ता के पक्ष को ही सुनकर दिए गए आदेश हैं व दूसरे पक्ष की बातों को सुना तक नहीं गया और यह एकतरफा निर्णय व सरासर अन्याय करार दिया गया दलितों के ऊपर , उन्होंने जिला न्यायालय और NGT में अपना पक्ष सुने जानें व निर्णय आने तक मकान तोड़े जाने के निर्णय को वापस लेने व किसी भी कार्यवाही को करने पर रोक लगाने की अपील मीडिया के माध्यम से सरकार के सामने रखी ।

ईस विषय में एससीएसटी ओबीसी वर्ग के हितों के पक्षकार तरविंदर सैनी ( माईकल ) लोकतन्त्र सुरक्षा पार्टी ने विस्तारपूर्वक तथ्यों के साथ ईस दलित बस्ती के ब्रिटिश राज के समय से होने की बात रखते हुए कहा कि यहाँ कोई भी अवैध डंपिंग नहीं होती और कॉलोनी निवासियों के वेस्ट मैनेजमेंट ठीक प्रकार से हो रहा है जिसकी तस्दीक स्वम् निगम की व्यवस्थाएँ कर देती हैं – यहाँ वर्षो से रह रहे निवासियों को नगर निगम के द्वारा पानी ,सीवर लाइन बिछी हुई हैं जिनके भुगतान की रसीदें हाउस टैक्स के बिलों के रूप में एमसीजी, म्युनिसिपल कॉरपोरेशन से लेकर पंचायतीराज विभाग द्वारा प्राप्त चूल्हा टैक्स के रूप में मौजूद हैं व सभी सुविधाएं सुचारू रूप से जारी हैं अर्थात यहाँ कूड़ा उठाने के लिए इकोग्रीन एजेंसी की गाड़ियां नियमित रूप से आती हैं , यदि फिर भी कैसे भी कचरे के ढेर लगे होने का जिक्र याचिकाकर्ता द्वारा किया गया है तो एमसीजी उठाएगी जीसके लिए बस्ती के लोग निरंतर हाउस टैक्स देते हैं , और फिर आदेश कूड़ा उठाने के लिए होने चाहिए लोगों के घर उजाड़कर कैसी सफाई करना चाहती है सम्मानित संस्थागत अदालत ?

माईकल सैनी ने बताया कि चलो मान भी लिया जाए कि वहाँ कोई किला था तो उसमें भी बस्तियां बसाई जाती थी यह बातें इतिहास के पन्नों से ली जा सकती हैं रही उस किले की मरमत और देशरेख की बात तो देश का पुरातत्व विभाग ही ऐतिहासिक इमारतों की देखरेख करने में असमर्थ है तो यह गरीब दलित बस्ती के लोग कैसे ख्याल रख सकते हैं अर्थात लोगों को बसाने का काम करना चाहिए NGT को ना कि उन्हें उजाड़कर हरियाली दिखाने का ।

समानता के पक्षधर श्री विजय यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री जी सार्वजनिक मंचों से कि बेघर लोगों को पक्का मकान दिया जाएगा लेकिन NGT व स्थानीय प्रशासन निवासियों से हाऊस टैक्स प्रोपर्टी टैक्स लेता है तो वही प्रशासन उन्हीं लोगों के आशियाने तोड़ने की बातें करेगा तो यह दोहरा मापदंड क्यों ?

प्रेसवार्ता में शामिल हुए बस्ती के लोगों में समाज के प्रबुद्ध लोग एकत्रित थे – राकेश प्रकाश , नरेश कुमार, रापेश , देविंदर कुमार, जय सिंह , मुकेश ,प्रकाश , किशोर , भूपसिंह, नरेंद्र , मनीष , रामबीर ,महेंद्र ,धर्मपाल ने न्याय की मांग की ।

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