भारत सारथी/ऋषिप्रकाश कौशिक
वर्तमान में हरियाणा में सबसे बड़ा मुद्दा है कि किसान कानून किसान के लाभ में हैं या हानि में। किसानों का कहना है कि हानि में, भाजपा का कहना है कि लाभ में और कांग्रेस किसानों के साथ है। यह फैसला कैसे हो, यह तो बाद की बात है परंतु बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि भाजपा से अधिक किसान कांग्रेस पर विश्वास क्यों कर रहे।
10 तारीख को पीपली कांड के पश्चात एक-दो दिन तो भाजपा बैकफुट पर आई थी परंतु उसके बाद आइपीएल के दौर में चौके नहीं छक्के उड़ाने के चक्कर में है लेकिन न जानें क्यों उनके छक्के बाउंड्री लाइन पर कैच हो रहे हैं। भाजपा सरकार और संगठन दोनो ही उस घटना के पश्चात लगातार उनके कहने के अनुसार किसानों के मध्य हैं और किसानों को समझा रहे हैं कि यह कानून किसानों के हित में है और कांग्रेस उन्हें बरगला रही है।
प्रश्न यह है कि 20 दिन से अधिक दिन समाप्त होने पर भी स्थिति सुधर नहीं रही। किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस स्थिति पर गौर करने की आवश्यकता है। भाजपा का यह दावा है कि जनता उनकी बात पर विश्वास करती है और दूसरी ओर कांग्रेस जो इतने समय से विपक्ष की भूमिका निभा नहीं रही थी, उस पर आरोप लगा रही है कि वह किसानों को बरगला रही है। इसका अर्थ यह है कि जनता का सरकार में विश्वास नहीं रहा।