जिला स्वास्थ्य विभाग की एक अच्छी सकारात्मक पहल.
बड़ा सवाल कि बिना महिला भागीदारी कैसे रुकेगी बीमारी.
डेंगू बचाव जागरूकता अभियान में महिला पार्षदों की अनदेखी

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
  स्वास्थ्य विभाग के द्वारा बदलते मौसम के बीच अब मच्छरदानी से डेंगू के मच्छर को डराने-भगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है । यह तैयारी ही शुरू नहीं की गई , बलिक मच्छरदानी भी बांटने का काम आरंभ कर दिया गया है । यह आयोजन 1 दिन पहले पटौदी विधानसभा क्षेत्र के हेली मंडी स्थित भगवान महावीर राजकीय अस्पताल में गुरुग्राम के सीएमओ डॉ वीरेंद्र यादव के नेतृत्व में संपन्न हुआ ।

इस मौके पर खासतौर से पटौदी नागरिक अस्पताल की महिला एसएमओ डा नीरू यादव मौजूद रही। अब ऐसे में लाख टके का सवाल यह है कि ऐसे महत्वपूर्ण डेंगू , मलेरिया, वायरल फीवर व अन्य सीजनल बीमारी और बुखार से संबंधित जन जागरूकता के अभियान में आयोजन स्थल हेली मंडी नगर पालिका की महिला पार्षदों की ही अनदेखी कर दी गई । जब कि सर्व विदित है की किसी भी अभियान की सफलता और कामयाबी में महिलाओं की भागीदारी और उनकी जागरूकता को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। महिला पार्षदों के अलावा प्राइवेट अस्पतालों के संचालको, विशेषज्ञ डाक्टरों तक को भी बुलाना जरूरी नहीं समझा गया। महिलाएं ही सबसे पहले अपने ही घर आस-पड़ोस से स्वच्छता जैसे अभियान के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की बीमारियों को रोकने के लिए अहम भूमिका निभाती रही है ।

स्वास्थ्य विभाग के द्वारा दावा किया गया की 200 मच्छर दानिया जरूरतमंद लोगों को बांटी गई। अब सवाल यह है कि यह आयोजन क्या हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र का था या फिर इस आयोजन में पटौदी पालिका के साथ-साथ कम से कम पटौदी ब्लॉक को भी शामिल किया गया था । हेली मंडी नगर पालिका में आधा दर्जन महिला पार्षद है , ऐसे में बड़ा सवाल यही है की महिला एसएमओ डॉक्टर होने के बाद क्यों ऐसी चूक कहां हुई कि जनप्रतिनिधि के तौर पर चुनी गई महिला पार्षदों की ही पूरी तरह से अनदेखी कर दी गई । इतना ही नहीं इस आयोजन में हेली मंडी नगरपालिका के 15 में से केवल मात्र तीन पार्षद ही मौजूद रहे ।

अब इसी कड़ी में एक और सवाल यह है कि जो 200 मच्छरदानिया बांटने का दावा किया गया। वह मच्छरदानिया किस-किस क्षेत्र अथवा किस वार्ड या फिर पटौदी ब्लॉक के विभिन्न जरूरतमंद लोगों को वितरित की गई । जब कि आयोजन स्थल पर बहुताय संख्या आशा वर्कर और एएनएम के सासथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की ही बताई गई । बहरहाल स्वास्थ्य विभाग के द्वारा डेंगू ,मलेरिया इत्यादि से बचाव के लिए जो मच्छरदानिया बांटने का अभियान आरंभ किया गया है यह एक अच्छी पहल माना जा रहा है । लेकिन लाख टके का सवाल यह है की क्या इन मच्छरदानीयों से डेंगू और मलेरिया के मच्छर डर जाएंगे या फिर मर जाएंगे ? जबकि धरातल पर काम करते हुए आम जनमानस को जागरूक करते हुए डेंगू और मलेरिया के मच्छर नहीं पनते इसके बारे में अधिक जानकारी देने के साथ जागरूक किया जाना और भी बेहतर विकल्प हो सकता है।

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