सत्ता के घमंड में चूर यूपी सरकार ने मानवीय और लोकतांत्रिक मर्यादाओं को किया तार-तार- दीपेंद्र सिंह हुड्डा. धर्म और क़ानून दोनों के ख़िलाफ़ है परिजनों से बेटी के अंतिम संस्कार का हक़ छीनना- सांसद दीपेंद्र. राहुल गांधी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार प्रजातंत्र पर प्रहार- सांसद दीपेंद्र. जबतक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिल जाता, मेरा संघर्ष जारी रहेगा- सांसद दीपेंद्र. ये सिर्फ एक समाज नहीं, बल्कि छत्तीस बिरादरी की लड़ाई है- सांसद दीपेंद्र  

1 अक्टूबर, चंडीगढ़ः यूपी सरकार ने मानवीय और लोकतांत्रिक मर्यादाओं को पूरी तरह तार-तार कर दिया है। सत्ता के घमंड में चूर सरकार एक के बाद एक अमानवीय, अलोकतांत्रिक और गैरकानूनी फैसले ले रही है। ये कहना है कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का। सांसद दीपेंद्र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के साथ हाथरस की पीड़िता के परिवार से मिलने उनके घर जा रहे थे। लेकिन यूपी पुलिस द्वारा सभी को युमना एक्सप्रेस वे पर ही रोक दिया गया। 

इस मौक़े पर दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस नेता सिर्फ पीड़ित परिवार का दर्द बांटने और उनके आंसू पोंछने हाथरस जाना चाहते थे। लेकिन यूपी पुलिस ने गैर कानूनी तरीके से उन्हें जबरन रास्ते में रोक दिया। पुलिस ने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं पर बल प्रयोग किया और लाठियां भी चलाई। इतना ही नहीं पुलिस ने सारी मर्यादाओं को पार करते हुए राहुल गांधी के साथ दुर्व्यवहार किया। राहुल गांधी पर हुआ हमला प्रजातंत्र पर प्रहार है। क्योंकि राहुल ने ना कोई नियम तोड़ा और ना ही किसी कानून का उल्लंघन किया। बावजूद इसके उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। जो पूरी तरह निंदनीय है। लोकतंत्र इसकी इजाज़त नहीं देता। 

दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि एक लोकतांत्रिक देश में किसी को भी कहीं भी जाने और किसी से भी मिलने का अधिकार है। खास तौर पर एक के बाद एक अन्याय झेल रहे हाथरस की निर्भया के परिवार के साथ खड़ा होना, इस वक्त पूरे देश का फर्ज बनता है। हम दुख की इस घड़ी में उस परिवार को अकेला नहीं छोड़ सकते। परिवार के साथ खड़े होने वालों को रोकने की बजाए खुद यूपी सरकार को परिवार के साथ खड़ा होना चाहिए था। लेकिन सरकार ने तो इसके उलट पीड़ित परिवार के साथ बार-बार अन्याय किया। परिवार से बेटी के अंतिम संस्कार तक का हक़ छीन लिया गया, जो ये धर्म और कानून दोनों के ख़िलाफ़ है। 

उन्होंने कहा कि यूपी सरकार का रवैया देखकर लगता है कि हाथरस कांड में न्याय करने से पीछे हट रही है। वो न्याय देने की बजाए, न्याय मांगने वालों पर ही हमला कर रही है। इसलिए पीड़िता को न्याय दिलवाने के लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ सकती है। इसके लिए पूरे देश और समाज को एकजुट होकर आगे आने की ज़रूरत है। क्योंकि हाथरस की पीड़िता सिर्फ वाल्मीकि समाज नहीं, बल्कि पूरे देश की बेटी थी। छत्तीस बिरादरी को एकजुट होकर इस लड़ाई को लड़ना होगा।

सांसद दीपेंद्र ने कहा कि वो इस लड़ाई को तबतक लड़ते रहेंगे जबतक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिल जाता। हाथरस की निर्भया के साथ जो हुआ, वो पूरी मानवता को शर्मसार करने वाला है। ऐसी घटना पूरी व्यवस्था की संवेदनशीलता पर सवाल उठाती है। ये अपराध सिर्फ एक महिला या समुदाय के खिलाफ नहीं हुआ है, बल्कि ये उन सभी लोगों के खिलाफ अपराध है जो इस व्यवस्था से न्याय की उम्मीद रखते हैं। इसलिए कदम-कदम पर पीड़ितों के साथ अन्याय करने वाले सब लोगों को एक दिन इसका जवाब देना होगा। वक्त सभी की भूमिका लिख रहा है। वो देख रहा है कि कौन अन्याय के साथ खड़ा है और कौन अन्याय के खिलाफ खड़ा है।

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