पंचकूला, 29 सितम्बर। केन्द्रीय जलशक्ति एवं सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री रतन लाल कटारिया ने कहा कि संसद में पारित तीनों कृषि अध्यादेश किसानों के लिए गेम चेंजर साबित होंगे। इन बिलों से किसानों को चार विकल्प उपलब्ध होंगें। केन्द्रीय मंत्री सैक्टर 5 में बातचीत करते हुए कृषि अध्यादेशों को कानूनी रूप देने पर देश के राष्टÑपति का आभार जताया। उन्होंने कहा कि अब किसान अपनी उपज को मण्डी में बेच सकता है। इसके अलावा मण्डी के बाहर भी बेचने के लिए किसान को विकल्प दिया गया है। कटारिया ने कहा कि किसान ट्रेडर्स के साथ फसल बारे कंट्रेक्ट करके देश के किसी भी क्षेत्र में फसल को बेच सकता है। केंद्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि यह बिल किसानों की आमदनी दोगूनी करने, बिचैलियों से मुक्ति दिलाने तथा टैक्स से भी निजात दिलाने वाले है। उन्होंने कहा कि सरकार के लक्ष्य अनुसार अब किसानों की आमदनी दोगुनी होगी और किसान वास्तव में आर्थिक रूप से सशक्त होगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष एमएसपी को लेकर बखेड़ा कर रहा है एमएसपी अवश्य ही रहेगा। एमएसपी पर धान की फसल खरीदने का कार्य शुरू किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि देश में एमएसपी पर केवल 6 प्रतिशत अनाज ही खरीदा जाता है। यह वर्ष 2015 में शांता कुमार कमेटी की रिपोर्ट में स्पष्ट है। सबसे अधिक किसान हरियाणा व पंजाब के हैं जो एमएसपी पर 75 से 80 प्रतिशत तक फसल बेचने का कार्य करते है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष कृषि अध्यादेशों का विरोध करके किसानों को बेवजह भड़का रहे है। संसद में बिल पारित होने के समय विपक्षी स्वास्थ्य जांच को लेकर विदेशों में चले गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन काल में तीनो बिल प्रस्तावित किए गए। इसके अलावा हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की कमेटी ने बिल पास होने पर मोहर लगाई ओर अब इसका किस मुंह से विरोध कर रहे है। उन्होने कहा कि एनडीए चाहे कितना ही अच्छा कार्य करें उसका विरोध करने की कांगे्रस अध्यक्षा सहित सभी ने कसम खाई है। कटारिया ने कहा कि 40 करोड़ जनधन खाते खोले गए, जीएसटी पास किया, फ्रांस के साथ समझौता करके राफेल लाए, गरीब महिलाओं के उज्जवला योजना लेकर आए। इन सभी का कांग्रेस पार्टी ने विरोध किया है। उन्होंने कहा कि इन बिलों से किसान के माल की बोली से मुक्ति का विकल्प मिला है। यदि कंट्रेक्टर व किसना का झगड़ा भी हो जाता है तो संबधित एसडीएम उसका निपटारा करेगा। यदि फिर भी नहीं सुलह होती तो ट्रेडर्स को एमएसपी तो देनी ही पड़ेगी। उन्होंने कहा कि विरोधी जमीन छिनने की बात करते हैं जबकि किसान की जमीन का कोई जिक्र बिलों में नही है तथा कोई भी ताकत किसान को जमीन से बेदखल नहीं कर सकता है। भाजपा किसी भी कीमत पर किसानों का बूरा नहीं होने देगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तीन लेबर बिल पास किए गए हैं यह भी मजदूरों के हक में है। इन बिलों में 100 मजदूरों में बदलाव किया है। अब 300 मजदूरों तक सभी को समान अवसर मिलेंगें और घर आने जाने का लाभ, ग्रेच्यूटी भी प्रदान की जाएगी। इस प्रकार लेबर बिल पास होने से मजदूरों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के श्रमेव जयते के कथन अनुसार देश के 50 करोड़ मजदूरों के लिए सरकार यह बिल लेकर आई है। इस अवसर उनके साथ राष्टÑीय उपाध्यक्ष बंतो कटारिया, भाजपा जिला अध्यक्ष अजय शर्मा, पूर्व जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा, विशाल सेठ, श्यामलाल बंसल, उमेश सूद, मीडिया प्रभारी नवीन गर्ग सहित कई पार्टी पदाधिकारी मौजूद रहे। Post navigation महामारी की आड़ में सरकार कर रही कर्मचारियों की छंटनी, कर्मचारी संघ ने किया विरोध प्रदर्शन हरियाणा महिला आयोग के कर्मचारी को कोरोना, मुख्यालय 2 दिन के लिए बंद