महेंद्रगढ़, 26 सितंबर। स्थानीय पुलिस ने केंद्रीय विश्वविद्यालय जाट पाली में कार्यरत एक महिला की शिकायत पर केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति सहित विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों पर आईटी एक्ट सहित भादसां की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर दी है। हालांकि इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, मगर महिला की निजता से संबंधित मामला होने के कारण इस मामले में जल्द ही गिरफ्तारी होने की संभावना है।

पुलिस को दी शिकायत में पीड़िता ने बताया कि वह मूल रूप से चरखी दादरी जिले की रहने वाली है। केंद्रीय विश्वविद्यालय में वह स्थाई नौकरी लगी हुई है। वहीं पर उसके सहयोगी मुकेश कुमार भी नौकरी करते हैं। उन दोनों की कुछ निजी बातें व फोटो मुकेश के फोन में थी। मुकेश का विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ विवाद चल रहा है। जिसके कारण विश्वविद्यालय प्रशासन मुकेश के साथ-साथ उससे भी घृणा करने लग गया। इसी के चलते विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश चंद कुहाड़, राजेश मलिक, जेपी भुक्कल, सत्यपाल मलिक, अमित सिंधु, प्रदीप ढुल, कुलवंत मलिक, जितेंद्र सिंह व संदीप ढुल आदि ने एक साजिश के तहत मुकेश का मोबाइल ले लिया।

जिसके बाद उन्होंने मुकेश के मोबाइल से उसकी व मुकेश के बीच हुई आपसी बातचीत व उनकी निजी फोटो एक सीडी व पैन ड्राइव में डाल ली। वह सीडी व पैन ड्राइव उन्होंने उसके पति व अन्य कई लोगों के पास पहुंचा दी। जिससे उसकी समाज में बेज्जती हुई है तथा उसकी निजता को उन्होंने सार्वजनिक किया है। इन सभी लोगों ने वे ओडियो व फोटो अपने-अपने माध्यम से पूरे विश्वविद्यालय में वायरल कर दी। पूरे विश्वविद्यालय में अलग-अलग आदमी उसकी फोटो और आडियो को दिखाकर व सुनाकर परेशान कर रहे हैं।

जिसके कारण वह मानसिक रूप से काफी परेशान हो गई हैं। उसके ही विभाग में आउट सोर्सिंग पर कार्यरत आफिसर, अटेंडेंट एक महिला भी इनसे मिली हुई है। वह उसको विश्वविद्यालय में दिए गए क्वार्टर पर जासूसी भी करती है। वह उसकी निजी जिंदगी में ताकाझांकी करती है तथा फोटो खिंचकर उन तक पहुंचाती है। उपरोक्त सभी लोगों ने मुकेश से मोबाइल फोन छिना तथा लंबे समय से साजिश के तहत उसे बदनाम करने तथा घर तोड़ने के लिए सब तरीके अपनाए। वीसी आफिस, वीसी कैंप, नया प्रशासनिक भवन, राजेश मलिक के आफिस, एडम ब्लाक नंबर तीन, ओल्ड वीसी आफिस, रजिस्ट्रार आफिस, कंप्यूटर आदि व लैपटाप सबके मोबाइल फोन में उसकी संबंधित निजी अश्लील आडियो व फोटोग्राफ हैं। जो इन लोगों ने आपस में शेयर की हैं तथा अन्य लोगों के पास भेजी हैं। इन बस करतूतों से उसका जीना दूर्भर हो गया है। सभी लोगों से अब उसकी जान को खतरा है।

पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने विश्वविद्यालय के कुलपति सहित सभी अधिकारियों व स्टाफ के खिलाफ 24 सितंबर को धारा 379ए, 354ए, 506, 34 व आईटी एक्ट की धारा 67ए के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इस बारे में पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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