हरियाणा के सरकारी माडल संस्कृति स्कूल चले सीबीएसई की ओर

बंटी शर्मा सुनारिया

हरियाणा के निजी स्कूल तो पहले ही हरियाणा बोर्ड से पलायन कर रहे थे और अब शिक्षा विभाग प्रदेश के माडल संस्कृति स्कूलों को सीबीएसई से संबद्धता दिलाने जा रहा है। इससे हरियाणा शिक्षा बोर्ड को बड़ा झटका लगेगा। क्योंकि हरियाणा के इतिहास में पहली बार सरकारी स्कूलों को भी सीबीएसई से संबद्धता दिलाई जा रही है।

शिक्षा बोर्ड के अधिकारी विभाग के इस फैसले को बोर्ड का अपमान मान रहे हैं। इसके साथ ही पहली कक्षा से अंग्रेजी में पढ़ाई और फीस वसूली को भी शिक्षा अधिकार कानून व नई शिक्षा नीति का उल्लंघन भी माना जा रहा है

हरियाणा माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने 25 सितंबर को प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र क्रमांक 24/4-2020(1)जारी कर राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों को सीबीएसई से संबद्धता लेने के आदेश जारी किए हैं। इस पत्र के माध्यम से कहा गया है कि सरकार ने फैसला किया है कि प्रदेश के 136 माडल संस्कृति स्कूलों की संबद्धता पहले फेज में सीबीएसई से संबद्धता दिलाई जाएगी। इसके लिए विभाग द्वारा सभी स्कूलों को एक-एक लाख रुपये पहले ही प्रेषित किए जा चुके हैं

यहां बता दें कि प्रदेश में संस्कृति माडल स्कूलों की संख्या 981 है। इस सिलसिले के शुरू होने के बाद आने वाले समय में सभी स्कूलों को सीबीएसई से जोड़े जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारी केवल 136 स्कूलों की ही सीबीएसई से संबद्धता दिलाने की बात कह रहे हैं।

यहां यह भी बता दें कि प्रदेश के सभी सरकारी स्कूल हरियाणा शिक्षा बोर्ड से संबंधित होते हैं, लेकिन पहली बार ऐसा हो रहा है कि सरकारी स्कूलों को सीबीएसई से जोड़ा जा रहा है। यह भी स्पष्ट कर दें कि प्रदेश के हजारों निजी स्कूल ने भी हरियाणा शिक्षा बोर्ड से संबद्धता ली हुई है। लेकिन निजी स्कूल तो पहले ही सीबीएसई की ओर भाग रहे थे और अब सरकारी स्कूलों के जाने से हरियाणा शिक्षा बोर्ड के अधिकारी अपमानित महसूस कर रहे हैं

आरटीई में है निशुल्क शिक्षा का प्रावधान

शिक्षा अधिकार कानून में पहली से आठवीं कक्षा तक निशुल्क शिक्षा का अधिकार हर बच्चे को दिया हुआ है, लेकिन माडल संस्कृति स्कूलों में फीस का प्रावधान कर आरटीई का भी उल्लंघन भी किया जा रहा है ——–

यह तो शिक्षा बोर्ड का 52 साल के इतिहास में पहली बार अपमान हो रहा है। क्योंकि प्रदेश के सभी सरकारी स्कूल हरियाणा बोर्ड से ही संबंधित होते हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा बोर्ड शिक्षा के स्तर को बेहतरीन बनाने में न केवल सक्षम है, बल्कि देश के अन्य राज्यों के बोर्डों से अग्रणी भी माना जाता रहा है

आभार–डा. जगबीर सिंह, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन

सरकारी स्कूलों के बच्चों को निजी स्कूलों में जाने से रोकने के मकसद से सीबीएसई से संबंद्धता दिलाई जा रही है। इन स्कूलों में अच्छी शिक्षा, अच्छे शिक्षक मुहैया करवाए जा रहे हैं। उनसे सवाल किया गया कि आरटीई में फीस लेने का प्रावधान नहीं है तो उन्होंने फोन काट दिया

आभार–कुलदीप सिंह, शिक्षा विभाग के सहायक निदेशक
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