पंचकूला 23 सितंबर। हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने आरोप लगाया है कि तीन कृषि सुधार बिलों के नाम पर देश के किसानों के हितों पर केन्द्र सरकार द्वारा कुठाराघात किया गया है। वह आजाद भारत के इतिहास में किसानों के लिए मौत का पैगाम लेकर आया है। देश का किसान इन नादिरशाही और काले कानूनों का भारतीय जनता पार्टी को जबाब देगा। चन्द्र मोहन ने कहा कि गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य में जो नाम मात्र की 2.6 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है, उससे स्पष्ट हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी का चेहरा और चरित्र अलग-अलग है। भाजपा देश के लोगों को गुमराह करने में किसी भी तरह का दुष्प्रचार का सहारा लेकर झांसे में फंसाने में इसका कोई भी सानी नहीं है। पहले देश के किसानों को स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने और फसलों के दाम दोगुने करने के नाम पर भ्रमित करके वोट बटोरने के पश्चात, किसानों के पत्न की इबादत लिखने और कारपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किसानों के डैट वारंट के रूप में अनैतिक तरीके से कृषि सुधारों के नाम पर किसानों के गले में फांसी का फंदा डाल दिया गया है, अब किसान बचकर भाग नही सकता है। गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 रूपए प्रति क्विंटल यानी 2.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी को किसानों के साथ भद्दा मजाक बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे बड़ी विडम्बना और क्या हो सकती है कि फसलों के दाम वर्ष 2022 तक दोगुना करने का भ्रामक प्रचार करके किसानों के साथ सबसे बड़ा धोखा किया है। Post navigation रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में निजीकरण के खिलाफ किया प्रदर्शन हरियाणा वीर एवं शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में रक्तदान शिविर का आयोजन