भिवानी/शशी कौशिक

माक्र्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी व स्वराज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शहर में जुलूस निकालकर उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर मांग की कि सीताराम येचूरी,योगेंद्र यादव, प्रोफेसर अपूर्वानंद, नताशा नरवाल व देवागंना कलिता व अन्य बुद्धिजीवियों तथा किसानों पर बने झूठे मुकदमें रद्द किए जाए। दिल्ली दंगों की न्यायिक जांच हो, वास्तविक दोषियों को पकड़ा जाए, प्रदर्शन का नेतृत्व माकपा के कामरेड ओमप्रकाश, भाकपा के फूल सिंह इंदोरा, स्वराज इंडिया के युद्धबीर अहलावत कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश के मजदूरों , किसानों पर काले कानून थोप रही है। ये कानून देश के कमेरे वर्ग की रोजी-रोटी पर हमला करेंगे। उनको  कारपोरेट का बंधुआ मजदूर बनाया जा रहा है। इस कानून के खिलाफ आवाज उठाते है तो उन पर झूठे मुकदमें करके जेल में डाला जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि  मोदी सरकार अघोषित आपाकाल लागू कर रही है। अंग्रेजी शासकों की तरह काले कानून थोप रही है। जनता इसका मुंह तोड़ जवाब देगी। उन्होंने अपने संगठनों की तरफ से 25 सितम्बर को भारत बंद का पूर्ण समर्थन किया।

आज के प्रदर्शन में माकपा के सज्जन कुमार सिंगला, करतार सिंह ग्रेवाल, आजाद सिवाच, सुखदेव, जयप्रकाश परमार, बलबीर ढाकन, रतन कुमार जिंदल, रामफल देशवाल, शीला बलियाली, भाकपा के मदन, चमेली देवी, अमरजीत, स्वराज इंडिया की तरफ वीना शर्मा, राजेंद्र यादव, मदन वर्मा अधिवक्ता, लेकर क्रांति मोर्चा के प्रवक्त सुरेश सैनी शामिल थे।

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